आकांक्षा |
aakanksha |
33 |
- आवश्यकता व उपयोगिता सहज कामनायें।
- आतुरता पूर्वक देखने, समझने, करने व पाने की इच्छा।
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आकुल |
aakul |
33 |
- शीघ्रता वादी मानसिकता।
- वांछित के अभाव की पीड़ा।
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आकूति |
aakuti |
33 |
- इच्छा शक्ति आकूति नामक दिव्य बुद्धि है जिनके उदय से बुद्धि बल प्रकाशित होता है।
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आकृति |
aakriti |
33 |
- निर्दिष्ट सीमा में छवि या रचना।
- क्रिया-प्रक्रिया पूर्वक अनेक अणुओं के, परमाणु के संगठित रूप। साथ ही अनेक अंशों से संगठित परमाणु।
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आक्रोश |
aakrosh |
33 |
- आवेशित मानसिकता सहित किया गया कार्य व्यवहार।
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आक्रमण |
aakraman |
33 |
- आवेशित गति पूर्वक दूसरे के अस्तित्व व स्वत्व को मिटाने के लिए प्रयुक्त हस्तक्षेप क्रिया।
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आगम रूप |
aagam rup |
33 |
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आग्रह |
aagrah |
33 |
- विधि विहित पद्धति, प्रणाली, नीतियों की ओर ध्यानाकर्षण विधि अस्तित्व में विकास क्रम, विकास, जागृति क्रम, जागृति सहज निरंतरता।
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आख्यान |
aakhyan |
33 |
- अलंकार सहित, संदर्भ समेत वांग्मय प्रस्तुति।
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आघात |
aaghaat |
33 |
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आचरण |
aacharan |
33 |
- मौलिकता की अभिव्यक्ति, ‘त्व’ सहित व्यवस्था सहज प्रकाशन।
- मानवीयता पूर्ण कार्य विन्यास-मूल्य चरित्र नैतिकता सहज प्रकटन।
- दया पूर्ण पद्धति से किया गया स्व-धन, स्वनारी, स्वपुरुष सम्बन्ध परंपरा।
- दायित्व व कर्तव्य का निर्वाह।
- त्व सहित व्यवस्था समग्र व्यवस्था में भागीदारी।
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आचरण पूर्णता |
aacharan purnata |
33 |
- दिव्य मानव प्रतिष्ठा-दिव्य मानवीयता।
- जीवन मुक्त (भ्रम मुक्त जीवन) सजगता, सहजता, कैवल्य, गन्तव्य, विकास का चरमोत्कर्ष।
- गति का गंतव्य = गुणात्मक विकास का परम बिंदु, सत्य, धर्म, निर्भयता, न्याय, नियम, जीवन तृप्ति और उसकी निरंतरता।
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आचरण भेद |
aacharan bhed |
34 |
- चारों अवस्था में त्व सहित व्यवस्था। त्व=आचरण।
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आचरणात्मक |
aacharanatmaka |
34 |
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आचार |
aachar |
34 |
- गुणात्मक परिवर्तन क्रिया अर्थात् मानवत्व सहित आचरण यथा मूल्य, चरित्र, नैतिकता सम्पन्न आचरण।
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आचार संहिता |
aachaar sanhita |
34 |
- जागृत मानव सहज आचरण सूत्र व्याख्या आलेख संविधान।
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आचरित |
aacharit |
34 |
- जागृत मानव द्वारा किया गया आचरण - आचरण परम्परा।
- मानवीयता सहज प्रमाण।
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आचरित भक्ति |
aacharit bhakti |
34 |
- भय मुक्त आचरण, उपकार प्रवृत्ति सहित किया गया संपूर्ण कार्य व्यवहार, परिवार व्यवस्था में भागीदारी समग्र व्यवस्था में भागीदारी का प्रमाण।
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आचार्य |
aacharya |
34 |
- जागृति सहज पारंगत व्यक्ति, द़ृष्टापद जागृति प्रमाण प्रतिष्ठा सम्पन्न मानव।
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आजीविका |
aajivika |
34 |
- स्वावलंबन, समाधान सहित समृद्धि पूर्वक आवश्यकता से अधिक वस्तुओं के साथ जीना।
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