अमर मोक्ष |
amar moksh |
24 |
- सालोक्य, सामीप्य, सायुज्य तथा सारूप्य का संयुक्त स्वरूप ही जागृति है। जागृति का तात्पर्य क्रियापूर्णता, आचरणपूर्णता, अनुभव प्रमाण और सर्वतोमुखी समाधान रूप में (भ्रम मुक्ति)।
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अमृतमय |
amritmay |
24 |
- सहअस्तित्व में जागृत जीवन।
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अमानवीय द़ृष्टि |
amanaviya drishti |
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अमानवीय विषय |
amanaviya vishay |
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अमानवीय स्वभाव |
amanaviya svabhav |
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अमानवीयता का भय |
amanaviyata ka bhay |
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- द्रोह, विद्रोह, शोषण व युद्ध।
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अमीर |
amir |
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अमूल्य |
amulya |
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अमोघ |
amogh |
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- परम, अधिक कम से मुक्ति (पूर्णता)।
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अरमान |
arman |
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अरहस्यता |
arahasyata |
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- समझदारी, सहअस्तित्व रूपी अस्तित्व वर्तमान।
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अरूचि |
aruchi |
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अरूपात्मक वस्तु |
arupatmak vastu |
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अरुपात्मक अस्तित्व |
arupatmak astitva |
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- पारगामी, पारदर्शी महिमा सम्पन्न व्यापक वस्तु।
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अर्वाचीन |
arvachin |
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अलगाव |
alagaav |
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- किसी सम्मति को अलग-अलग करना-मतभेद होना।
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अलाभ |
alabh |
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- अधिक मूल्य के प्रदान में कम मूल्य का आदान।
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अलाद चक्र |
alaad chakra |
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- रस्सी के एक छोर को जलाकर घुमाने से एक ध्रुव में आग रहते हुए आंखों में आग गोलाकार में दिखाई पढ़ता है यही अलाद चक्र है। जबकि रस्सी अति छोटे समय में एक ही जगह होती है। इससे पता लगता है कि सच्चाई आँखों में नहीं आता समझ में आता है।
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अलिप्तता |
aliptata |
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- विषय चतुष्टय तथा ऐषणा त्रय के प्रति मुक्त क्रिया।
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अलंकार |
alankaar |
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- शरीर व लज्जा का रक्षा करना।
- शीत, वात, उष्णातिरेक से बचाव करना।
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