अपूर्ण धन |
apurna dhan |
20 |
- आवर्तनशील अर्थतंत्र के पहले अपूर्ण धन।
|
View
|
अपूर्ण पद |
apurna pad |
20 |
- लाभोन्माद, भोगोन्माद, कामोन्माद प्रवृत्ति लक्ष्य सुविधा संग्रहवादी सभी पद समस्याओं से ग्रसित हो यही अपूर्ण पद है।
|
View
|
अपूर्ण बल |
apurna bal |
21 |
- द्रोह-विद्रोह शोषण युद्ध में, से, के लिए नियोजित किया गया बल का परिणाम अपूर्ण। जीने देकर जीने में प्रयुक्त तन-मन-धन का फल पूर्ण बल है।
|
View
|
अर्पण |
arpan |
21 |
- स्व संतोष, तोष अथवा श्रद्धापूर्वक किया गया आदान-प्रदान।
- अपेक्षा सहित नियोजन क्रिया।
|
View
|
अपेक्षा |
apeksha |
21 |
- संवेदनशीलता के आधार पर लाभ भोग काम की आशा, आवेश।
- संज्ञानशीलता के आधार पर समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व में प्रमाण।
- आवश्यकीय आशा (परस्पर दायित्व एवं कर्तव्य पालन की इच्छा या पालन में विश्वास)।
|
View
|
अपेक्षाकृत |
apekshakrit |
21 |
|
View
|
अपेक्षित |
apekshit |
21 |
- अखण्ड समाज सार्वभौम व्यवस्था।
|
View
|
अप्रकाशन |
aprakashan |
21 |
- प्रकटन का पूर्व रूप क्रिया। सहअस्तित्व सहज अभिव्यक्ति में असमर्थता।
|
View
|
अप्रतिमता |
apratimata |
21 |
- मध्यस्थता, सार्वभौमिकता प्रबुद्धता ही अप्रतिमता है।
|
View
|
अभय |
abhay |
21 |
- वर्तमान में विश्वास।
- सहअस्तित्व और आनंद सहज अपेक्षा में बौद्धिक समाधान और भौतिक समृद्धि पोषण क्रिया।
- परस्पर विश्वास और पूरक क्रिया।
|
View
|
अभयता |
abhayata |
21 |
- वर्तमान में विश्वास सहज आश्वासन भविष्य में भी अभयता पूर्वक जीने के लिए आशा, विचार परिस्थिति। वर्तमान में विश्वास।
|
View
|
अभयशील |
abhayshil |
21 |
- वर्तमान में विश्वासापेक्षा अभय के लिए आशान्वित।
|
View
|
अभाव |
abhav |
22 |
- उत्पादन से अधिक उपयोग एवं उपभोग की इच्छा ही अभाव है।
|
View
|
अभिनय |
abhinay |
22 |
- स्वयं अमानवीयता में प्रवृत्त रहते हुए मानवीयता, देव मानवीयता का काल्पनिक विधि, वेश, भाषा, भाव भंगिमा अंगहार सहित प्रदर्शन।
|
View
|
अभिनंदन |
abhinandan |
22 |
- अभ्युदय प्रमाण सम्पन्न मानव के प्रति सम्मान, कृतज्ञता सहज अभिव्यक्ति संप्रेषणा व प्रकाशन।
|
View
|
अभिप्राय |
abhipray |
22 |
- अभ्युदय के परिप्रेक्ष्य में व्यंजना अभ्युदयार्थ व्यंजना। (दूसरों का समझा पाना)
|
View
|
अभिभावक |
abhibhavak |
22 |
- पोषण-संरक्षण कार्य सहित अभ्युदय चाहने वाला।
|
View
|
अभिभूत |
abhibhut |
22 |
- अभ्युदय के अर्थ में जागृति पूर्वक अभिव्यक्ति संप्रेषणा सहज सम्पन्नता व प्रमाणित करने की प्रवृत्ति।
- ज्ञान विवेक विज्ञान सहज संकल्प चिंतन में तत्परता, ज्ञान विचार निश्चयन क्रियान्वयन फल परिणाम ज्ञानानुसार होने व समाधान में स्वीकृत, मुद्रा भंगिमा।
|
View
|
अभिभूति |
abhibhuti |
22 |
- अनुभव में तदाकार तद्रूप होने की तृप्ति ही अभिभूति है।
|
View
|
अभिमान |
abhiman |
22 |
- आरोपित मान (मापदण्ड) जिसमें स्व बल, बुद्धि, रूप, पद, धन को श्रेष्ठ तथा अन्य को नेष्ट मानने वाली प्रवृत्ति एवं क्रिया।
|
View
|