स्वर्ग |
svarg |
215 |
- सार्वभौम व्यवस्था संबंध निर्वाह सहज व्यवस्था सहज परंपरा क्रम में धरती ही स्वर्ग, जागृत मानव ही देव चेतना सहित वर्तमान में विश्वास के अर्थ में धर्म सफल, सर्वमानव सुखी होने रहने।
- विश्वास, सुख, शांति, संतोष की निरंतरता, मनुष्य की परस्परता में स्नेह, निविर्र्षमता, समाधान एवं समृद्धि।
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स्वर्गताम् |
svargatam |
215 |
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स्वर्णिम |
svarnim |
215 |
- सफलता शीघ्र अप्रत्याशित सफलता सहज स्वीकृति उत्सव।
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स्वर्मिण अध्याय |
svarnima adhyay |
215 |
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स्वस्थ मानस |
svasth manas |
215 |
- सहअस्तित्व में अनुभूवपूत मानस, अनुभव से अनुप्राणित मानव, अनुभव को प्रमाणित करने का मानस।
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स्वागत |
svagat |
215 |
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स्वादन |
svadan |
215 |
- रूचि पूर्वक अनुकूल तत्व का ग्रहण।
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स्वाधीन |
svadhin |
215 |
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स्वाध्याय |
svadhyay |
215 |
- स्वयं को पहचानने, समझने के लिए किया गया अध्ययन सहज स्वीकृति शब्द वाक्य।
- स्वयं सहित अस्तित्व का अध्ययन व प्रमाण।
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स्वानुशासन |
svanushasan |
215 |
- स्वस्फूर्त व्यवस्था गति।
- प्रामाणिकता, समाधान, न्याय, नियम पूर्वक संपूर्ण आयाम, दिशा, कोण, परिप्रेक्ष्यों में स्वयं स्फूर्त अभिव्यक्ति, संप्रेषणा व प्रकाशन क्रिया।
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स्वान्त: सुख |
svantah sukh |
215 |
- सहअस्तित्व में अनुभव प्रमाण (स्वयं में सुखी होना)।
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स्वाभाविक |
svabhavik |
216 |
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स्वामी (साथी) |
svami (sathi) |
216 |
- साथी दायित्व सहित स्वायत्त, स्वयं में, से, के लिए प्रमाणित।
- “इच्छयेते इति सा स्वामी” स्वयं को जो जान चुका है, पहचान चुका है, मान चुका है, वे निर्वाह क्रम में स्वामी कहलाते हैं।
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स्वायत्त |
svayat |
216 |
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स्वार्थ |
svarth |
216 |
- मानवीय चेतना विधि से स्वयं का अर्थ (जागृति)।
- अर्थ की विशालता को संकीर्णता अर्थात् व्यक्तिवाद व समुदायवाद में सीमित करना।
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स्वास्थ्य |
svasthya |
216 |
- शरीर के लिए आवश्यकीय तत्वों की पाचन पूर्वक उपलब्धि का प्रकटन।
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स्वास्थ्य संरक्षण |
svasthya sanrakshan |
216 |
- जागृति सहज अभिव्यक्ति योग्य शरीर।
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स्वावलम्बी |
svavalambi |
216 |
- स्वयं स्फूर्त विधि से उत्पादन करने वाला।
- उत्पादन कार्य में कुशलता, निपुणता, पाण्डित्य सहित परिवार की आवश्यकता से अधिक उत्पादन करने वाला।
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स्वीकार |
svikar |
216 |
- अस्तित्व में वस्तु रूप में होने का प्रमाण प्रस्तुत करना।
- पूर्णता, आवश्यकता, अनिवार्यता की अपेक्षा में किया गया ग्रहण।
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स्वीकृति |
svikriti |
216 |
- अपनाया गया। स्वीकार किया गया।
- भास, आभास, प्रतीति, अनुभूति।
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