परिमाण |
pariman |
110 |
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परिमाणित |
parimanit |
110 |
- नाप तौल विधि से पहचाना गया।
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परिमार्जन |
parimarjan |
111 |
- गुणात्मक परिवर्तन, जागृति क्रम में अमानवीयता से मानवीयता, मानवीयता से अतिमानवीयता पूर्ण संचेतना का प्रकाशन।
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परिमार्जित |
parimarjit |
111 |
- विश्लेषण व प्रमाण सहज अभिव्यक्ति के लिए उपयुक्त ज्ञान विचार व्यवहार कार्य।
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परिमार्जित विचार |
parimarjit vichar |
111 |
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परिमित-अपरिमित |
parimit-aparimit |
111 |
- सीमित रूप, गुण, स्वभाव रूप में सहज पहचान प्रमाण, असीमित रूप में प्रमाण वर्तमान।
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परिलक्षित |
parilakshit |
111 |
- परीक्षण पूर्वक पहचाना हुआ।
- परीक्षण-निरीक्षण पूर्वक निर्धारित स्वीकृति।
- प्रमाणित करने का द़ृष्टि विकसित करना।
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परिवर्तन |
parivartan |
111 |
- रूप परिवर्तन, बीज परिवर्तन, वंश परिवर्तन, विचार परिवर्तन, विचार परिवर्तन जागृति पूर्ण विचार संपन्नता पर्यन्त।
- परिणाम के आधार पर प्रत्येक इकाई की अपनी मौलिकता के रूप में वर्तमान होना।
- पूर्व से भिन्न गुणों का प्रकाशन।
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परिवर्ती |
parivarti |
111 |
- प्रमाणित होने के लिए समझदारी सहित तैयारी।
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परिवर्धन |
parivardhan |
111 |
- अन्न, वन-औषधि और पशुओं का परिवर्धन, परिपालन; मानव में ज्ञानवर्धन और परंपरा।
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परिवर्द्धित |
parivarddhit |
111 |
- उन्नतोन्नत, श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम, जागृत परंपरा के रूप में प्रमाण।
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परिवार |
parivar |
111 |
- संबंधों का संबोधन व्यवहार सीमा व मर्यादा समाधान सहित सहज प्रमाण।
- जन्म सम्बन्ध अर्थात् सीमित व्यक्तियों का समुदाय जिसमें प्रत्येक व्यक्ति मानवीयता पूर्ण आचरण करते हुए सम्बन्धों व मूल्यों की पहचान व निर्वाह पूर्वक परस्पर भौतिक समृद्धि, बौद्धिक समाधान के लिए पूरक हैं।
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परिवार-लक्ष्य |
parivar-lakshya |
111 |
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परिवार सभा |
parivar sabha |
112 |
- हर परिवार अपने में अखण्ड समाज के अंगभूत होने मानव संस्कृति सभ्यता सहज रूप के प्रमाण में परिवार है और सार्वभौम व्यवस्था के अनुरूप कार्य करने के आधार पर सभा है। हर जागृत मानव परिवार सार्वभौम व्यवस्था अखण्ड समाज सूत्र व्यवस्था के अनुसार जीने की स्थिति में ही संस्कृति सभ्यता विधि व्यवस्था का प्रमाण होना पाया जाता है।
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परिवार समूह सभा |
parivar samuh sabha |
112 |
- दस परिवार में से एक-एक प्रतिनिधियों का सम्मिलित स्वरूप ही परिवार समूह सभा।
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परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था |
parivar mulak svarajya vyavastha |
112 |
- जागृत मानव परिवार में कम से कम दस व्यक्तियों का होना स्वीकार होता है। ऐसे परिवार में से एक व्यक्ति को व्यवस्था के लोकव्यापीकरण करने के उद्देश्य से दस व्यक्ति निर्वाचित करते हैं स्वयं भी अपने को निर्वाचित कर लेता है इस प्रकार दस व्यक्तियों में से एक व्यक्ति व्यवस्था में भागीदारी करने के लिए तैयारी करता है। यही प्रथम जन प्रतिनिधि सभा है। इसी प्रकार से पूरे गाँव में, पूरे देश में, पूरे विश्व में मानवीय शिक्षा संस्कारपूर्वक जागृति के लिए वांछित ज्ञान विवेक विज्ञान सहज संस्कार स्थापित किया जाना होता है।
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परिवेश |
parivesh |
112 |
- वातावरण, परिस्थितियाँ।
- किसी ध्रुव बिन्दु से गोलाकार में बनी हुई गतिपथ।
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परिवेशीय |
pariveshiy |
112 |
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परिसीमा |
parisima |
112 |
- हर वस्तु अपने वातावरण सहित सीमा।
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परिसीमित |
parisimit |
112 |
- हर इकाई सीमित पदार्थ होना परिसीमित रहने का प्रमाण।
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