रस |
ras |
158 |
- रासायनिक द्रव्यों का तरल स्वरूप, चारों अवस्थाओं का सहज वैभव वर्तमान परम्परा, अस्तित्व में अनुभूति।
- दया, कृपा, करूणा की अविभाज्य अभिव्यक्ति। सम्पूर्ण मूल्य ही रस स्वरूप है।
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रसग्राही |
rasgrahi |
158 |
- शरीर तंत्र। (पौधों में भी यह तंत्र होता है)।
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रस-रसायन कार्य |
ras-rasayan karya |
158 |
- प्राणावस्था का वैभव, जीवावस्था का शरीर रचना, ज्ञानावस्था के मानव शरीर की रचना।
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रसानुभूति |
rasanubhuti |
158 |
- भ्रमवश संवेदनशीलता पूर्वक शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंधेन्द्रियों से रस ग्रहण, पीड़ा संवेदनात्मक विधि।
- जागृतिपूर्वक समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व में अनुभव, संबंधों में मूल्य मूल्यांकन उभयतृप्ति संज्ञानात्मक विधि-सुख। सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी की ओर प्रवर्तन।
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रसायन |
rasayan |
159 |
- यौगिक द्रव्यों का उत्सव-उर्मि के रूप में वैभव।
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रसायन द्रव्य |
rasayan dravya |
159 |
- प्राणकोशाओं का विपुल होने के लिए आवश्यकीय वस्तु।
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रश्मि |
rashmi |
159 |
- प्रकाश के प्रतिबिम्ब, अनुबिम्ब, प्रत्यानुबिम्ब क्रिया की रश्मि संज्ञा है।
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रहस्य |
rahasya |
159 |
- समझ में नहीं आना, स्पष्ट नहीं होना, प्रमाणित नहीं होना।
- जो जैसा है अथवा जिस स्थिति मेंं हैं, उसको उससे विकास या लक्ष्य की ओर दिशा, गति एवं प्रक्रिया का स्पष्ट न होना।
- क्रिया मात्र को जानने में जो अपूर्णता है वह रहस्य है।
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रहस्यमुक्ति |
rahasyamukti |
159 |
- सहअस्तित्व समझ में आना, स्पष्ट होना, समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व सहज प्रमाण प्रमाणित होना।
- अस्तित्व में मानव का निर्भ्रम होना ही रहस्य मुक्ति है।
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रक्षा |
raksha |
159 |
- परंपरा, मानवीयतापूर्ण परंपरा; तन, मन, धन रूपी अर्थ का सदुपयोग, सुरक्षा, गुणात्मक परिवर्तन प्रमाण परम्परा।
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राज्य |
rajya |
159 |
- अस्तित्व सहज ‘त्व’ सहित व्यवस्था का वैभव।
- मानव परंपरा में परिवार केंद्रित स्वराज्य, स्वानुशासन रूपी स्वतंत्रता की वैभव परंपरा।
- राज्य सामान्य रूप से मानव सहज वैभव को ध्वनित करता है।
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राज्य कोष |
rajya kosh |
159 |
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राज्य तंत्र |
rajya tantra |
159 |
- अभ्युदयकारी व्यवस्था व्यवहार कार्य प्रवृत्ति प्रभाव मानव मूल्य सम्पन्नता प्रोत्साहन।
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राज्यनीति |
rajyaniti |
159 |
- तन, मन, धन की सुरक्षा, सदुपयोग सहज परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था सहज गति।
- सुरक्षा प्रधान, व्यवहार एवं आचरण प्रक्रिया राज्यनीति है।
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राज्य परिवार |
rajya parivar |
160 |
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राज्य मर्यादा |
rajya maryada |
160 |
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राज्य व्यवस्था |
rajya vyavastha |
160 |
- परिवार मूलक स्वराज्य विधि सहित सार्वभौम व्यवस्था सहज वैभव।
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राज्य वैभव |
rajya vaibhav |
160 |
- मानवीय शिक्षा संस्कार सुलभता, न्याय सुरक्षा सुलभता, उत्पादन कार्य सुलभता, लाभ हानि मुक्त विनिमय कोष सुलभता, स्वास्थ्य संयम सुलभता। चारो अवस्था सहज संतुलन वैभव।
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राज्य सभा |
rajya sabha |
160 |
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रासायनिक |
rasayanik |
160 |
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