अर्थ सुरक्षा |
arth suraksha |
5 |
- अर्थ की अखण्ड समाज में ही सदुपयोग और वर्तमान में विश्वास ही अर्थ की सुरक्षा है (तन-मन-धन के रूप में अर्थ)।
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अर्थोपार्जन |
arthoparjan |
5 |
- ज्ञान विवेक विज्ञान सम्पन्नता, सर्वतोमुखी समाधान संपन्नता, न्यायोन्मुखी प्रवृत्ति सहित समृद्धि सहज अर्थ में किया गया उत्पादन।
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अद्वैत |
advait |
5 |
- शंका, संदिग्धता, संशय विहीन प्रामाणिकता प्रमाण, सर्वतोमुखी समाधान पूर्ण संचेतना।
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अद्यमी |
adyami |
6 |
- समस्याकारी (भ्रमित मानव)।
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अधमता |
adhamata |
6 |
- समस्याकारी वीभत्स कार्य व्यवहार घटना।
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अर्ध चेतन |
ardh chetan |
6 |
- पहचान क्रिया में अस्पष्टता।
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अर्धांगिनी |
ardhangini |
6 |
- पति-पत्नी सहज परस्परता में जागृत मानसिकता सहित एक रूपता, स्व-नारी व स्व-पुरूष संबंध प्रमाणित होता हुआ दाम्पत्य।
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अधिकार |
adhikar |
6 |
- ज्ञान-विवेक-विज्ञान सम्पन्नता पूर्वक सर्वतोमुखी समाधान सम्पन्नता सहित अखण्ड समाज सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी करना ही अधिकार सम्पन्नता है।
- सहअस्तित्व में व्यवस्था सूत्र का क्रियान्वयन, चूंकि अस्तित्व में “प्रत्येक इकाई अपने त्व सहित व्यवस्था है”। मानव के लिए मानवत्व ही स्वराज्य व्यवस्था है।
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अधिकारी |
adhikari |
6 |
- जागृत मानव ही मानवीयता पूर्ण विधि से जीने देते हुए जीने का अधिकारी है।
- गुणात्मक परिवर्तन, चेतना विकास।
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अधिभौतिक |
adhibhautik |
6 |
- भौतिक क्रियाकलाप का आधार। (व्यापक वस्तु) (साम्य ऊर्जा)
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अधिदैविक |
adhidaivik |
6 |
- देवताओं का त्राण प्राण, देवताओं का आधार। (देव चेतना सम्पन्न परम्परा)
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अधिमूल्यन |
adhimulyan |
6 |
- जो जिसका रूप गुण स्वभाव धर्म है उससे अधिक मानना।
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अधिष्ठान |
adhishthan |
6 |
- चैतन्य इकाई का मध्यांश आत्मा ही अधिष्ठान है। मध्यस्थ शक्ति, मध्यस्थ क्रिया, मध्यस्थ बल का वर्तमान।
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अध्याहार |
adhyahar |
6 |
- तर्क एवं युक्ति संगत पद्धति से व्यवहार प्रमाण सिद्ध करना।
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अध्यापक |
adhyapak |
6 |
- समझदार मानव, समझदारी प्रमाण सहित समझाने सहज कार्य करने वाला।
- ज्ञान विवेक विज्ञान समाधान सहित समृद्धि संपन्न मानव।
- स्वयं में विश्वास; श्रेष्ठता का सम्मान; प्रतिभा व व्यक्तित्व में संतुलन; व्यवहार में सामाजिक-व्यवसाय (उत्पादन) में स्वावलम्बी मानव ही समझदार होने व रहने का प्रमाण है।
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अध्यापन |
adhyapan |
7 |
- समझा हुआ को समझाना, सीखे हुए को सीखाना, किए हुए को कराना।
- अधिष्ठान के साक्षी में अर्थ बोध कराने के लिए कारण गुण गणित पूर्वक किए गये संपूर्ण क्रियाकलाप।
- हर विद्यार्थी स्वयं में विश्वास श्रेष्ठता का सम्मान, प्रतिभा व व्यक्तित्व में संतुलन, व्यवहार में सामाजिक व्यवसाय में स्वावलम्बन योग्य शिक्षा संस्कार में पारंगत होने अर्थात् भागीदारी सम्पन्न की क्रिया।
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अध्ययन |
adhyayan |
7 |
- अधिष्ठान (आत्मा) की साक्षी व अनुभव की रोशनी में स्मरण पूर्वक किए गए क्रिया (साक्षात्कार, अर्थबोध, निदिध्यासन) प्रक्रिया (मनन) एवं प्रयास (श्रवण)।
- अनुभवगामी विधि में साक्षात्कार बोध सहज स्वीकृति, बुद्धि में स्वीकारने की विधि।
- श्रवण, मनन, निदिध्यासन की संयुक्त प्रक्रिया।
- अध्ययन विधि में साक्षात्कार पूर्वक बुद्धि में न्याय-धर्म-सत्य स्वीकार होना यही प्रतीति, निदिध्यासन।
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अध्ययनगम्य |
adhyayangamya |
7 |
- सहअस्तित्व रूपी अस्तित्व, चारों अवस्था त्व सहित व्यवस्था एवं समग्र व्यवस्था में भागीदारी का सहज रूप में स्पष्ट होना।
- वस्तुस्थिति सत्य, वस्तुगत सत्य, स्थिति सत्य स्पष्ट होना।
- सत्यता, यथार्थता, वास्तविकता स्पष्ट होना।
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अध्यात्मिकता |
adhyatmikata |
7 |
- व्यापक वस्तु नित्य वर्तमान सहज इसमें चैतन्य प्रकृति ज्ञान सम्पन्नता।
- व्यापक वस्तु में सम्पृक्त जड़-चैतन्य प्रकृति ऊर्जा संपन्न।
- क्रियाशील नियम नियंत्रण सन्तुलन सम्पन्नता, मानव में ज्ञान विवेक विज्ञान वैभव परंपरा।
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अध्यात्म |
adhyatm |
7 |
- समस्त आत्माओं का आधारभूत “सत्ता”। व्यापक, अरूपात्मक अस्तित्व, निरक्षेप ऊर्जा, परम अवकाश, परमात्मा।
- शून्य ही साम्य ऊर्जा महाकारण, चेतना, परस्परता में दूरी, जड़-चैतन्य प्रकृति में पारगामी, पारदर्शी, पूर्ण।
- मध्यस्थ सत्ता स्थिति पूर्ण है, सत्ता में संपृक्त प्रकृति नियम नियंत्रण संतुलन न्याय धर्म सत्य प्रकाशन पूर्वक त्व सहित व्यवस्था समग्र व्यवस्था में भागीदारी पूर्वक परंपरा है।
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