अजीर्ण परमाणु |
ajirn paramanu |
3 |
- संतुलन व नियंत्रण से अधिक प्रस्थापित अंशों का होना।
- अंशों को विस्थापित करने में प्रयत्नशील परमाणु।
- विकिरण प्रसार कार्यरत परमाणु।
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अर्जन |
arjan |
3 |
- स्वत्व रूप में होना।
- स्वतंत्र होना।
- जागृति पूर्ण होना।
- योग्यता व पात्रता को लक्ष्य के अर्थ में विवेक और विज्ञान पूर्वक किए गए क्रियाकलापों से प्राप्त प्राप्तियाँ।
- नोट :- मानव परंपरा में संपूर्ण प्राप्तियाँ स्वतंत्रता एवं परिवार मूलक स्वराज्य ही है क्योंकि स्वतंत्रता भ्रम मुक्ति का साक्षी है और स्वराज्य, मानवीयता का साक्षी है। भ्रम मुक्ति ही, मुक्त जीवन है।
- यही स्वत्व के रूप में प्राप्ति।
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अणु |
anu |
4 |
- एक से अधिक परमाणुओं का गठित रचनायें।
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अणु बंधन |
anu bandhan |
4 |
- अणु रचना में परमाणु भार का आधार।
- परमाणु के मध्यांश-भार बन्धन सूत्र है।
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अण्डज |
andaj |
4 |
- अण्डों से प्रकट होने वाले कीट पतंग पक्षी जीव।
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अतिइन्द्रियानुभव |
atindriyanubhav |
4 |
- जीवन में, से, के लिए अनुभव प्रमाण, जीवन मूल्य, मानव मूल्य, स्थापित मूल्यों का अनुभव प्रमाण।
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अतिभोग |
atibhog |
4 |
- आहार, निद्रा, भय, मैथुनात्मक क्रिया कलाप में लिप्त रहना।
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अतिरेक |
atirek |
4 |
- असंतुलनकारी क्रियाकलाप।
- पूरकता उपयोगिता सहज वैभव से रिक्त रहना।
- समस्याओं से पीड़ित रहना, समस्याकारी कार्य व्यवहार करना।
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अतिवाद |
ativad |
4 |
- व्यक्तिवाद, समुदायवाद अधिमूल्यन, अवमूल्यन, निर्मूल्यनवादी पद्धति व वार्तालाप।
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अतिसंतृप्ति |
atisantripti |
4 |
- मानव परंपरा में सदा-सदा के लिए तृप्ति-सर्वतोमुखी समाधान, जागृति, द़ृष्टा पद प्रतिष्ठा।
- ज्ञानानुभूति, सहअस्तित्व में अनुभूति सहज ज्ञान और उसकी निरंतरता में स्थिति व गति।
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अतिसूक्ष्मांश |
atisukshmansh |
4 |
- परमाणुओं में संगठित रूप में कार्यरत अंश।
- परमाणु सूक्ष्म क्रिया और परमाणु अंश अतिसूक्ष्म क्रिया।
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अतिविपन्न |
ativipann |
5 |
- तन-मन-धन संबंधी समस्याओं की पीड़ा, भ्रमवश किया गया कार्य व्यवहार का फल परिणाम संंबंधी पीड़ा, दीनता हीनता क्रूरतावादी सोच विचार कार्य-व्यवहार सम्बन्धी पीड़ा।
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अतिव्याप्ति दोष |
ativyapti dosh |
5 |
- भ्रमवश अधिमूल्यन कार्य व्यवहार।
- जिसका अर्थ जैसा है, उसे उससे अधिक मानने की भ्रमित क्रिया।
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अत्याशा |
atyasha |
5 |
- अन्तहीन संग्रह सुविधा में प्रवृत्ति विवशता।
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अथक |
athak |
5 |
- जागृत मानसिकता सहज प्रमाण जिसमें थकान नहीं हो।
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अर्थ |
arth |
5 |
- क्रिया (यें) शब्दार्थ - अस्तित्व में वस्तु व क्रिया का स्वरूप इंगित होना (रूप, गुण, स्वभाव, धर्म, स्थिति, गति, देश, दिशा, काल, नियम, नियंत्रण, संतुलन, प्रत्यावर्तन-आवर्तन)।
- जागृति क्रम में न्याय द़ृष्टि की पहचान।
- जागृति पूर्वक तन, मन व धन सहज पहचान व उनकी अविभाज्य वर्तमान कार्य-व्यवहार में समाधान रूपी फल-परिणाम सहज पहचान।
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अर्थभेद |
arthbhed |
5 |
- आवश्यकता के अनुसार/आधार पर उत्पादन।
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अर्थतंत्र |
arthtantra |
5 |
- जागृत मानसिकता सहित तन व धन की उपयोगिता, सदुपयोगिता, प्रयोजनशीलता एवं विनिमिय सुलभता प्रमाण।
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अर्थनीति |
arthniti |
5 |
- तन-मन-धन का सदुपयोगात्मक सुरक्षात्मक कार्य व्यवहार व निरंतरता।
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अर्थशास्त्र |
arthshastra |
5 |
- विधिवत किया गया अर्थोपार्जन सहज अर्थ का सदुपयोगात्मक, सुरक्षात्मक एवं विनिमियात्मक विचारों का आवर्तनशील प्रेरणा स्रोत।
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