व्यवहार दर्शन* (Raw)

by A Nagraj

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ज्ञ मानवीय दृष्टि, प्रवृत्ति व स्वभाव सहज ज्ञान-विवेक-विज्ञान सम्पन्न समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी, भागीदारी संपन्न नागरिकों का निर्माण, जिनमें अतिमानवीयता के लिये मार्ग प्रशस्त होता है ।

ज्ञ शिक्षा नीति की सफलता निम्न सूत्रों से है :-

(1) विज्ञान के साथ चैतन्य पक्ष का अध्ययन ।

(2) मनोविज्ञान के साथ संस्कार पक्ष का अध्ययन ।

(3) अर्थशास्त्र के साथ प्राकृतिक एवं वैयक्तिक ऐश्वर्य के सदुपयोगात्मक तथा सुरक्षात्मक नीति पक्ष का अध्ययन ।

(4) समाजशास्त्र के साथ मानवीय संस्कृति तथा सभ्यता का अध्ययन ।

(5) राजनीति शास्त्र के साथ मानवीयता के संरक्षण एवं संवर्धन के नीति पक्ष का अध्ययन ।

(6) दर्शन शास्त्र के साथ क्रिया पक्ष का अध्ययन ।

(7) इतिहास एवं भूगोल के साथ मानव तथा मानवीयता का अध्ययन ।

(8) साहित्य शास्त्र के साथ तात्विकता का अध्ययन ।

★ 6. नैतिक सुरक्षा ः- यह मूलतः जीवन जागृति पर आधारित है । जागृति पूर्वक ही अखण्ड समाज सार्वभौम व्यवस्था को पहचानना होता है । फलस्वरूप नैतिकता प्रमाणित होती है । यही सदुपयोग, सुरक्षा का अर्थ है ।

“सर्व शुभ हो”

अध्याय - सत्रह

रहस्य मुक्ति

श्र समझ को प्रगट न करना या न कर सकना या समझ सम्पन्न नहीं हो पाना ही रहस्य है तथा इसके लिए जो अक्षमता है उसे ‘रहस्यता’ संज्ञा है ।