वित्तेषणा |
vitteshana |
170 |
- धन बल कामना। धन-आहार, आवास, अलंकार, दूरश्रवण, दूरगमन, दूरदर्शन वस्तुऐं।
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वितृष्णा |
vitrishna |
170 |
- नियति सहज विधि के विरोधी परिकल्पनापूर्वक सुखी होने की इच्छायें, विचार, आशायें।
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विदित |
vidit |
170 |
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विद्रोह |
vidroh |
170 |
- द्रोह का विरोध, द्रोह का दमन।
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विद्वता |
vidvata |
170 |
- सहअस्तित्व रूपी अस्तित्व दर्शन ज्ञान, जीवन ज्ञान, मानवीयता पूर्ण आचरण ज्ञान, ज्ञान विवेक विज्ञान सूत्र व्याख्या सहित जीना।
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विद्वान |
vidvan |
170 |
- ज्ञान सम्पन्न, विवेक सम्पन्न, विज्ञान सम्पन्न मानव जिसका प्रमाण मानवत्व होना आवश्यक है।
- मानवीयता पूर्ण आचरण सहित मनुष्य की परस्परता में पायी जानी वाली विषमता का समापहरण करने योग्य क्षमता, योग्यता, पात्रता से सम्पन्न व्यक्ति (पाण्डित्य से परिपूर्ण।)
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विद्यमान |
vidyaman |
170 |
- होने रहने अर्थात् समझदारी से परिपूर्णता का प्रमाण, होने की पहचान सहित प्रस्तुति।
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विद्या |
vidya |
171 |
- ज्ञान (जीवन ज्ञान, अस्तित्व दर्शन ज्ञान, मानवीयतापूर्ण आचरण ज्ञान) सम्पन्नता सहज प्रमाण एवं सूत्र व्याख्या अर्थात् समझदारी ही विद्या है।
- जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना। जीवन विद्या और वस्तु विद्या के मूल में सहअस्तित्व रूप में संपूर्ण ज्ञान है।
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विद्यार्थी |
vidyarthi |
171 |
- विद्या सम्पन्न होने के लिए इच्छुक। विद्या का तात्पर्य ज्ञान विवेक विज्ञान ही है।
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विद्युत ऊर्जा |
vidyut urja |
171 |
- चुम्बकीय धारा विखण्डित होना आवेश पूर्वक विद्युत धारा रूप में प्रवाहित होना।
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विद्युत युग |
vidyut yug |
171 |
- विद्युत साधनों का उपयोग करने की शुरूआत एवं परंपरा।
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विधान |
vidhan |
171 |
- नियम, नियंत्रण, संतुलन, न्याय, धर्म, सत्य सहज सूत्र व्याख्या।
- विधि की धारणा पूर्वक व्यवहार, व्यवसाय सुगम बनाने की प्रक्रिया ।
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विधायक |
vidhayak |
171 |
- विधि को निरुपित करने वाला, विधिवत् जीने वाला।
- मानवीय संस्कृति व सभ्यता का संरक्षणात्मक विधि व नीति का पक्षधर।
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विधि |
vidhi |
171 |
- व्यवस्था सूत्र व्याख्या सहज आचरण कार्य व्यवहार, व्यवस्था में भागीदारी रूप में सूत्र व्याख्या रूप में आचरण प्रमाण वर्तमान है।
- मानवीय संस्कृति सभ्यता की नियम पूर्ण आचरण संहिता।
- मानवीयतापूर्ण व्यवहार, आचरण, उत्पादन, विनिमय, मानवीय शिक्षा-संस्कार, तन, मन, धन रूपी अर्थ का सदुपयोग और सुरक्षात्मक सूत्र और व्याख्या।
- विकास और जागृतिक्रम, सतर्कता, सजगता, गुणात्मक विकास क्रम में जीवन जागृति का सूत्र और व्याख्या।
- पूर्णता और उसकी निरंतरता के अर्थ में नियम, न्याय, धर्म और सम्पूर्ण मानव परंपरा के सूत्र और व्याख्या सम्मत प्रमाणिकता पूर्ण प्रक्रिया का प्रावधान।
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विधिवत् आचरण |
vidhivat aacharan |
171 |
- मानवीयतापूर्ण आचरण, मूल्य, चरित्र, नैतिकता सहज आचरण।
- विधि सम्मत आचरण।
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विधिवत् निर्वाह |
vidhivat nirvah |
172 |
- मानवीयता पूर्ण पद्धति से व्यवहार, उत्पादन, उपयोग, वितरण आदि की व्यवस्था।
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विधि पक्ष |
vidhi paksh |
172 |
- मानवीय आचार संहिता रूपी संविधान।
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विनय |
vinay |
172 |
- नम्रता, सरलता परस्परता सुगमता पूर्वक प्रस्तुति।
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विन्यास |
vinyas |
172 |
- तरीका, मुद्रा, भंगिमा, अंगहार, बोलचाल, व्यवहार करने की निश्चित पहचान व अभिव्यक्ति।
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विनिमय |
vinimay |
172 |
- लाभ हानि मुक्त विधि से उपयोगिता मूल्य के आधार पर श्रम मूल्य का आदान-प्रदान।
- श्रम मूल्य के आधार पर वस्तुओं का आदान-प्रदान।
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