अर्थशास्त्र
by A Nagraj
करते रहा। इसके विपरीत इसकी प्रतिरोध करने का कार्यक्रम अनवरत रहा ही। इस विधि से उक्त दोनों प्रयोजनों के लिए जो-जो वस्तुएं प्राप्त हुई उनकों आज की स्थिति में हम ‘अर्थ’ का नाम दे सकते हैं।
कबीला युग के साथ भी नस्ल रंग की विपदाएं बारंबार मंडराती ही रही। बार-बार आक्रमण और प्रतिरोध के लिए तैयारी, आहार-आवास-अलंकार, प्रजनन कार्य प्रणाली के लिए बारंबार परिवर्तन जैसा एकोदर संतानों में से ही परस्पर प्रजनन संबंध, दूसरा एकोदर न हो ऐसा प्रजनन संबंध, जिसे आज की भाषा में विवाह संबंध कहते हैं, स्वाभाविक रहे आया। ऐसे भय और द्वेष से त्रस्त कबीला और ग्राम समुदाय, राजा और गुरू के आश्वासनों पर राजगद्दी और धर्मगद्दी के लिए अर्पित हुए। राजा और गुरू की मान्यता क्रम से जो कुछ भी आहार, आवास, अलंकार के रूप में प्राप्तियाँ थी और शरीर और परिवार (पहचाना हुआ निश्चित संख्यात्मक मानव की सीमा) की सुरक्षा अर्थात् छीना-झपटी, आक्रमणों से मुक्ति दिलाने के आश्वासनों पर राजगद्दी में समर्पित हुए। सद्बुद्धि, सत्प्रवृत्तियाँ को सुलभ करने के आश्वासनों पर धर्मगद्दियों पर समर्पित हुए। इसी के साथ-साथ क्लेशों से मुक्ति पाने के आशय तत्कालीन सभी मानवों में समाया रहा। उसके सफलता के लिए आश्वासन घोषणा सबको अच्छा लगता रहा। इसी आधार पर राजगद्दी और धर्मगद्दी के प्रति आस्था निर्मित हुई। आस्था का तात्पर्य न जानते हुए भी किसी अस्तित्व को स्वीकारने से है। इस प्रकार आस्थावाद राजगद्दी, धर्मगद्दी की स्थापना, जनमानस में उसकी स्वीकृति रही। यहाँ उल्लेखनीय और स्मरणीय घटना यही है अर्थात् स्मरण में रखने योग्य घटना यह है कि धर्म को लोकमानस का न समझना रहा ही साथ ही धर्म को अपने स्वरूप में प्रमाणित करने योग्य धर्मगद्दी की स्थापना हुई नहीं, साथ ही राज्य सामान्य रूप से मानव सहज वैभव को ध्वनित करता है, मानव को समझे बिना ही राज्य की स्थापना शासन के रूप में स्थापित हुई। मूलत: शासन का आरंभ घटना काल धर्म प्रधान रहा है राजा जिस धर्म का होता रहा, पूरे देश निवासी अर्थात् ऐसे धर्मावलम्बी सभी व्यक्ति होने के आधार पर धार्मिक राज्यनीति प्रभावशील रही। ऐसे विविध समुदाय भी राज्य और धर्म के आश्वासनों को स्थापित करने में सफल होते रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं (आस्थाओं) में अंतर्विरोध होता आया फलस्वरूप धर्म का अथवा धर्मनीति का अथवा धर्म शासन का पकड़ ढीला होना शुरू हुआ। इसी बीच धातुयुग से समृद्ध होने के उपरान्त विस्फोटक तंत्र रूपी बारूद-बंदूक