मानवीय संविधान
by A Nagraj
Page 77
- वन एवं वनौषधियों के संवर्धन करने का अधिकार।
- हर परिवार को शिक्षा संस्कार विधि से स्वस्थ रहने की विधियों से सम्पन्न करने का अधिकार।
(4)
- अपने-अपने गाँव में हस्त कला में सब को परांगत बनाने का अधिकार।
- ग्राम शिल्प कार्यों में ग्राम वासियों को पारंगत बनाने का अधिकार।
- ग्राम की आवश्यकतानुसार ग्राम वासियों को कुटीर उद्योग में पारंगत बनाने का अधिकार।
- ग्राम वासियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग में पारंगत बनाने का अधिकार।
- ग्राम में ग्रामोद्योगों को स्थापित करने का अधिकार।
(5)
- ग्रामों में प्रत्येक नर-नारी को साक्षरता सहित समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी सहित व्यवस्था में भागीदारी का समानाधिकार को जागृत बनाये रखने का अधिकार।
- मानवीयतापूर्ण शिक्षा-संस्कार एवं उत्पादन के लिए कारीगरी प्रशिक्षण का ग्राम व्यापीकरण करने का अधिकार।
- जागृति का मूल्यांकन करने का अधिकार।
- समाधान समृद्धि में समानाधिकार का मूल्यांकन करने का अधिकार।
- संबंध व मूल्य निर्वाह में समान अधिकार।
- समझदारी सहित शिष्टतापूर्वक व्यवहार करने में समान अधिकार।
मानव चेतना सहज संस्कारपूर्वक समझदार होने का अधिकार।