मानवीय संविधान
by A Nagraj
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- अतएव मानवत्व सहित मानवीयता पूर्ण आचरण ही आधारभूत सूत्र व सहअस्तित्व सहज प्रमाण रूप में व्याख्या है। मानव नियति विधि से शाकाहारी है। यह मौलिक अधिकार है।
मानवीय-विहार
विहार = मानवीयता पूर्ण आचरण में विश्वास सहज उत्सव को हर्षोल्लास के रूप में प्रकाशित करना।
हर्ष = हृदय स्पर्शी प्रसन्नता।
प्रसन्नता = प्रयोजन सहित समाधान सम्पन्न मानसिकता का प्रकाशन।
प्रमोद = प्रयोजनों के अर्थ में खुशी का प्रकाशन।
आमोद = आवश्यकता उपयोगिता पूरकता में सफलता सहज उत्सव प्रकाशन।
उल्लास = समाधान, समृद्धि सहज उत्सव उन्नति का प्रकाशन।
विनोद = परस्पर ज्ञान, विवेक, विज्ञान सहज समानता का परीक्षण-निरीक्षण प्रसन्नता सहज प्रकाशन स्वीकृति रूप में।
व्यवहार = मानवत्व सहित व्यवस्था, समग्र व्यवस्था में भागीदारी करना।
विन्यास = विविध परिस्थितियों में न्याय-निर्वाह वैभव।
यह मौलिक अधिकार है।
अधिकार (परिवार समूह सभा का अधिकार)
(1)
- सभा गठन सहज अधिकार।
- गठन में कार्यरत सदस्यों सहज संबंधों को पहचानने का अधिकार।
- आयु के अनुसार संबोधनाधिकार।
- बहन-भाई, चाचा-चाची नाम से संबोधन अधिकार।
गांव मोहल्ले में रहने वाले सभी परिवार मानव लक्ष्य को प्रमाणित करने में प्रोत्साहित करने का अधिकार।