मानवीय संविधान

by A Nagraj

Back to Books
Page 242
  • ईमानदारी, जिम्मेदारी, भागीदारी वस्तु व प्रयोजन यही संबंध ज्ञान-विवेक-विज्ञान सम्पन्नता है। यह मानवत्व है।

भूमि: स्वर्गताम् यातु, मनुष्यो यातु देवताम् ।

धर्मो सफलताम् यातु, नित्यम् यातु शुभोदयम् ॥

- ए. नागराज

