मानवीय संविधान
by A Nagraj
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- ईमानदारी, जिम्मेदारी, भागीदारी वस्तु व प्रयोजन यही संबंध ज्ञान-विवेक-विज्ञान सम्पन्नता है। यह मानवत्व है।
भूमि: स्वर्गताम् यातु, मनुष्यो यातु देवताम् ।
धर्मो सफलताम् यातु, नित्यम् यातु शुभोदयम् ॥
- ए. नागराज