मानवीय संविधान

by A Nagraj

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भाग – छः

मौलिक अधिकार

परिचय संकेत

मानव चेतना सहज वैभव में, से, के लिए मानवीयतापूर्ण शिक्षा-दीक्षा शिक्षण पूर्वक परंपरा सहज मौलिक अधिकार फलन के रुप में जागृत मानव परंपरा है। यह शिक्षा-संस्कार परंपरा में पूर्णता सहज अभिव्यक्ति सम्प्रेषणा प्रकाशन है।

मौलिक अधिकार

  • हर नर-नारी अध्ययन, शोध, अनुभव पूर्वक ज्ञान, विवेक, विज्ञान में पारंगत होना रहना मौलिक अधिकार है। निपुणता कुशलता पाण्डित्य पूर्वक स्वेच्छा से कर्माभ्यास सहित प्रमाणित होना मौलिक अधिकार है।
  • ज्ञान, विवेक, विज्ञान विधि से जिम्मेदारियों का निर्वाह मौलिक अधिकार है।
  • न्याय पूर्वक कार्य-व्यवहार सम्पन्न करना मौलिक अधिकार है।
  • परिवार में समाधान, समृद्धि को प्रमाणित करना मौलिक अधिकार है।
  • सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी करना मौलिक अधिकार है।
  • समाधान पूर्वक निर्णय लेना मौलिक अधिकार है।
  • तन, मन, धन रूपी अर्थ को संरक्षित रखना, उपयोगिता, सदुपयोगिता, प्रयोजनशीलता सहज प्रवृत्ति प्रक्रिया मौलिक अधिकार है।
  • जागृत मानव लक्ष्य (समाधान, समृद्धि ,अभय, सहअस्तित्व) को प्रमाणित करना, कराना, करने के लिए सहमत होना मौलिक अधिकार है।
  • जागृत होने का मौलिक अधिकार मानवीयतापूर्ण शिक्षा-दीक्षा संस्कार एवं शिक्षण विधि पूर्वक सर्वसुलभ होने में भागीदारी करना मौलिक अधिकार है।

जागृत होने रहने करने का मौलिक अधिकार शिक्षा-संस्कार शिक्षण परंपरा सहज कार्यक्रम, इसमें हर नर-नारी प्रबुद्धता सहज प्रमाण रूप में भागीदारी करना भी मौलिक अधिकार है।