मानवीय संविधान

by A Nagraj

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अलावा खेल मैदान (स्टेडियम), सांस्कृतिक भवन क्लब आदि व्यवस्था का दायित्व, ग्राम स्वास्थ्य समिति का होगा। समिति स्थानीय रूप से उपलब्ध जड़ी-बूटियों द्वारा औषधि बनाने के लिए आवश्यकीय व्यवस्था करेगी। इसके साथ ही पशु चिकित्सा केन्द्र की व्यवस्था का दायित्व भी स्वास्थ्य समिति का होगा। समिति “समन्वित चिकित्सा” (आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्योपैथी, यूनानी, योग प्राकृतिक, मानसिक) के उन्नयन की व्यवस्था करेगी।

सब ग्रामवासियों को स्वास्थ्य व्यवहार, आचरण संबंधी मूल्यों का मूल्यांकन, उपयोगिता व प्रयोजन मूलक पद्धति से समिति व्यवस्था प्रदान करेगी। अलंकार, प्रसाधन कार्य, शरीर स्वच्छता महिलाओं व बच्चों को रोग-निरोधी उपायों से अवगत करायेगा और सीमित व संतुलित परिवार के रूप में व्यवहृत होने के लिए व्यवस्था प्रदान करेगी। ऐसी जागृति के लिए व्यापक कार्यक्रम को समिति चलाएगी। सामान्य रूप में घटित अस्वस्थता को दूर करने के लिए घरेलू चिकित्सा में प्रत्येक परिवार को अथवा प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति को प्रवीण बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाएँगे। घरेलू चिकित्सा से रोग शमन न होने की स्थिति में स्थानीय केन्द्र द्वारा चिकित्सा होगी। वहाँ राहत न मिलने की स्थिति में निकटवर्ती चिकित्सा केन्द्र में पहुँचाने और चिकित्सा सुलभ कराने की व्यवस्था ग्राम स्वास्थ्य समिति करेगी। चिकित्सा केन्द्र, चिकित्सालय, मातृत्व केन्द्र, प्रसवोत्तर केन्द्र की स्थापना यथासंभव ग्राम समूह परिवार सभा द्वारा किये जावेंगे।

8.10 मूल्यांकन, प्रोत्साहन प्रक्रिया

ग्राम सभा द्वारा विभिन्न समितियों के कार्य का मूल्यांकन निम्न मार्गदर्शक सिद्धांतों द्वारा किया जायेगा। सभी समितियों का कार्य सभा सदस्य सम्पन्न करेंगे।

  • उत्पादन कार्य सलाह समिति का मूल्यांकन

“उत्पादन कार्य सलाह समिति” का मूल्यांकन निम्न आधारों पर किया जायेगा :-

  • कृषि, पशुपालन, वनोपज, हस्त कला, ग्राम शिल्प, कुटीर उद्योग, ग्रामोद्योग के कुल उत्पादन का मूल्यांकन।

उत्पादन में कार्य गति का मूल्यांकन।