मानवीय संविधान

by A Nagraj

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विनिमय कोष की कार्य पद्धति निम्न प्रकार से होगी :-

विनिमय कोष नौकरी की मानसिकता को हटाकर उत्पादन की मानसिकता को लाने के लिए शिक्षा समिति के साथ सहयोग करेगा। वह गाँव में रह रहे सब व्यापारियों को ट्रेडिंग (संग्रह) के स्थान पर उत्पादनीकरण का कार्य के लिए प्रेरणा, ट्रेनिंग देगा। इस तरह लाभ-हानि मुक्त उत्पादन में विनिमय व्यवस्था जो कि श्रम के आदान-प्रदान व आवर्तनशीलता पर होगी, को स्थापित संचालित करने में विनिमय कोष कार्य करेगा।

7.4 (1) कार्य

विनिमय व्यवस्था उत्पादित वस्तु का सुरक्षा पूर्वक विनिमय पद्धति पर आधारित होगी। प्रत्येक व्यक्ति जो स्थानीय सीमावर्ती निवासी है व उत्पादित वस्तुओं का विनिमय करता है और आवश्यकीय वस्तुओं को प्राप्त करता है, वह इस कोष का खातेदार सदस्य होगा। प्रत्येक परिवार का खाता विनिमय कोष में होगा। प्रत्येक परिवार अपनी आवश्यकता से अधिक उत्पादित वस्तुओं को विनिमय कोष को विनिमय के लिए प्रस्तुत करेगा। वस्तु मूल्य श्रम मूल्य के आधार पर तय होगा (निकटस्थ बाजार में जाकर बेचने से जो दाम मिलेंगे उसमें परिवहन मूल्य घटा कर)। जब तक आस-पास स्वराज्य व्यवस्था स्थापित ना हो तब तक निकटस्थ बाजार भाव अघोषित रूप में रहेगा, इस आय-व्यय स्पष्टता का आलेख विनिमय कोष में रहेगा। इस मूल्य को सदस्य के खाते में उसी दिन जमा कर दिया जाएगा। इसी तरह कोष प्रत्येक सदस्य को वस्तुओं का विनिमय करेगा व उनके श्रम मूल्यानुसार, उनके खाते में उतना मूल्य घटा-बढ़ा दिया जायेगा।

कोष इसी तरह बाहर (शहर व अन्य बाजारों) से वस्तुओं को थोक भाव में खरीदेगा व अपने सदस्यों को उपरोक्त पद्धति से विनिमय करेगा। इसी तरह कोष में गाँव के सदस्यों द्वारा विनिमय के लिए प्रस्तुत वस्तुएँ, जो स्थानीय आवश्यकता से बच जायेगी, उन्हें शहर व अन्य बाजारों में बेचेगा व उनका मूल्य प्राप्त करेगा, और उन-उन के खाते में जमा करेगा। इस क्रय विक्रय से जो कुछ भी अनायास लाभ होगा, उसको गाँव की सामान्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए, गांव के विकास के लिए अर्पित किया