मानवीय संविधान
by A Nagraj
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- नियंत्रण पूर्वक किया गया कार्य-व्यवहार समाधान है।
- संतुलन पूर्वक किया गया कार्य-व्यवहार समाधान है।
- न्याय पूर्वक किया गया कार्य-व्यवहार समाधान है।
- स्थिति सत्य, वस्तु स्थिति सत्य व वस्तुगत सत्य विधि से जीना समाधान है।
- सर्वतोमुखी समाधान को प्रमाणित करना सत्य पूर्ण है सर्वतोमुखी समाधान है।
- अस्तित्व में अनुभव मूलक विधि से किया गया कार्य-व्यवहार समाधान है।
- वीरता पूर्वक किया गया कार्य-व्यवहार व्यवस्था सहज प्रमाण एवं समाधान है।
- धीरता पूर्वक किया गया कार्य-व्यवहार व्यवस्था सहज प्रमाण एवं समाधान है।
- उदारता पूर्वक किया गया कार्य-व्यवहार व्यवस्था सहज प्रमाण एवं समाधान है।
- समाधान
- दयापूर्वक
- कृपापूर्वक
- करुणापूर्वक
- नाम स्वीकृति को संबोधन अभ्युदय के अर्थ में सार्थक है।
- जाति स्वीकृति (संस्कार) को मानव परिभाषा के अर्थ में सार्थक है।
- धर्म स्वीकृति को सर्वतोमुखी समाधान अखण्ड समाज के अर्थ में सार्थक है।
- शिक्षा पूर्वक स्वीकृति को, समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व में पारंगत होने के अर्थ में सार्थक है।
- व्यवहार-कार्य स्वीकृति को संबंधों की पहचान आवश्यकता सहित, मूल्यों का निर्वाह, मूल्यांकन, परस्परता में तृप्ति समाधान संतुलन के अर्थ में सार्थक है।
- सर्वशुभ स्वीकृति को अभ्युदय सर्वतोमुखी समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व सहज प्रमाण के अर्थ में सार्थक है।
स्वशुभ को सर्वशुभ में भागीदारी रहने के रूप में सार्थक है।