मानवीय संविधान
by A Nagraj
नैतिकता = तन-मन-धन रूपी अर्थ का सदुपयोग व सुरक्षा का वर्तमान।
यह सभी व्यवस्था सहज सोपानों में मूल्यांकन का आधार है। साथ ही वस्तु मूल्य व कला मूल्य की उपयोगिता के आधार पर मूल्यांकन होना ही जागृत मानव परंपरा है। संबंधों का पहचान, मूल्यों का निर्वाह, मूल्याँकन, परस्परता में तृप्ति होता है।
- परिवार में - हस्त कला, ग्राम-शिल्प कला
परिवार समूह में - कुटीर उद्योग
ग्राम परिवार में - ग्रामोद्योग
ग्राम समूह परिवार में - लघु उद्योग, विकल्प
क्षेत्र परिवार में - लघु उद्योग, मध्यम कोटि का उद्योग, विकल्प
मंडल परिवार में - मध्यम कोटि का उद्योग व बड़े उद्योग, विकल्प
मंडल समूह परिवार में - मध्यम व बड़े उद्योग, विकल्प
मुख्य राज्य परिवार में - बड़े उद्योग, विकल्प
प्रधान राज्य परिवार में - वृहत्तर उद्योग, विकल्प
विश्व राज्य परिवार में - परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था विधि से श्रेष्ठता व उपयोगिता
का मूल्यांकन विधि रहेगा। विश्व परिवार सभा न्याय, शिक्षा,
स्वास्थ्य, उत्पादन विनिमय सुलभता में शोधपूर्वक मार्गदर्शन,
उत्पादन में गुणवत्ता का शोध, साथ में चारों अवस्था में संतुलन
सूत्र व्याख्या में पारंगत प्रमाण, मार्गदर्शन कार्य करेगा।
हर जागृत मानव परिवार में ग्राम-शिल्प, कृषि, पशुपालन, उत्पादों को उपयोगिता मूल्य के आधार पर निर्धारित करने का अधिकार रहेगा। ऐसा मूल्यांकन परिवार