प्रदर्शन |
pradarshan |
123 |
- दर्शन सहज समझदारी को प्रमाणित करना।
- जागृति पूर्वक प्रमाण विधि से प्रस्तुत होना।
- प्रमाणिकता सहित प्रस्तुतियाँ।
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प्रदायी |
pradayi |
124 |
- प्रयोजनार्थ देने की क्रिया।
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प्रदायी क्षमता |
pradayi kshamta |
124 |
- देने योग्य अथवा देता हुआ अथवा देने वाला- ज्ञान विवेक विज्ञान उपयोगी वस्तु उपचार व्यवहार कार्य में विश्वास प्रदायीता स्पष्ट होना।
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प्रदीप्त |
pradeept |
124 |
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प्रदूषण |
pradushan |
124 |
- भ्रमित मानव द्वारा प्रयत्न पूर्वक किया गया विकृत वातावरण, खनिज तेल, खनिज, कोयला विकिरणीय पदार्थों का ईंधनावशेष इस धरती के वातावरण में प्रभावित रहना। ईंधन के ताप से धरती तापग्रस्त होना।
- प्रयत्न पूर्वक उत्पन्न किया गया संकट, गंदगी।
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प्रधान |
pradhan |
124 |
- वरीयता क्रम में प्राथमिकता।
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प्रधान राज्य परिवार सभा |
pradhan rajya parivar sabha |
124 |
- यह दश सोपानीय परिवार मूलक स्वराज्य सभा में नौवीं सोपान वाली परिवार सभा है ऐसी सभा के लिए आठवीं सीढ़ी के मुख्य राज्य सभाओं में से निर्वाचित दस सदस्य प्रधान राज्य परिवार सभा गठन किए रहना होता है, इन सभी दसों सीढ़ियों में कार्यरत परिवार सभाएं जो ग्राम परिवार से विश्व परिवार राज्य सभा तक आठवें सोपानों में कार्यरत रहती है। ये सभी समितियों के साथ कार्य किए रहते हैं जिनसे ही मानव मानवत्व सहज अखण्ड समाज सार्वभौम व्यवस्था को प्रमाणित करना सहज है।
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प्रबल |
prabal |
124 |
- प्रयोजनों के अर्थ में प्रस्तुत क्रिया प्रक्रिया और आचरण।
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प्रबुद्धता |
prabuddhata |
124 |
- सतर्कता एवं सजगता, निपुणता, कुशलता एवं पाण्डित्यपूर्ण व्यक्तित्व।
- ज्ञान संपन्नता, प्रमाण बोध संपन्नता।
- मानव में निपुणता, कुशलता, पाण्डित्यपूर्ण कार्य-व्यवहार विन्यास। नियम, नियंत्रण, संतुलन पूर्ण व्यवसाय, न्यायपूर्ण व्यवहार, समाधान पूर्ण विचार, प्रामाणिकता पूर्ण अनुभूतियों की अभिव्यक्ति, संप्रेषणा व प्रकाशन क्रिया।
- मानव द्वारा मानवत्वपूर्ण पद्धति, प्रणाली एवं नीतिपूर्ण अभिव्यक्ति, संप्रेषणा व प्रकाशन क्रिया।
- जीवन जागृति सहज अभिव्यक्ति, संप्रेषणा व प्रकाशन क्रिया।
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प्रबोधन |
prabodhan |
125 |
- प्रमाण पूर्वक प्रयोजनीयता का बोध कराना।
- प्रबुद्धता का पूर्ण बोध कराना।
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प्रबोधित |
prabodhit |
125 |
- प्रयोजन के अर्थ में ज्ञान विवेक विज्ञान का बोध कराना।
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प्रबंध |
prabandh |
125 |
- व्यवस्था सहज परंपरा के लिए प्रतिपादित सूत्र व्याख्या रूपी ग्रंथ, मानवीयता पूर्ण आचरण, मानवीयता पूर्ण आचार संहिता एवं संविधान, मानवीय शिक्षा संस्कार व दश सोपानीय व्यवस्था सूत्र व्याख्या।
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प्रभाव |
prabhav |
125 |
- क्रिया की प्रतिक्रिया। मात्रात्मक, गुणात्मक।
- अपनी मौलिक पहचान (जितना फैला है प्रभाव)।
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प्रभावन |
prabhavan |
125 |
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प्रभावशाली |
prabhavshali |
125 |
- जागृति सहज प्रमाणित व्यक्ति।
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प्रभाव क्षेत्र |
prabhav kshetra |
125 |
- इकाई एवं उसका वातावरण - इकाई संपूर्ण और उसका प्रभाव क्षेत्र, हवा, पानी का प्रवाह विद्युत प्रभाव, शब्द प्रवाह उसका वातावरण बराबर उसका प्रभाव क्षेत्र विकिरणीय प्रवाह एवं उसका वातावरण अपने में प्रभाव क्षेत्र।
- मौलिकता सहज प्रभाव प्रसारण सीमा।
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प्रभावी सूत्र |
prabhavi sutra |
125 |
- पदार्थावस्था से प्राणावस्था, प्राणावस्था से जीवावस्था, जीवावस्था से ज्ञानावस्था, ज्ञानावस्था में ही जागृति एवं द़ृष्टापद (जागृति) प्रतिष्ठा लोकव्यापीकरण होना प्रमाणित है, वर्तमानित है। हर व्यक्ति निरीक्षण, परिक्षण पूर्वक स्वयं समझ सकते हैं। समझदारीपूर्ण मानव परंपरा अखण्डता सार्वभौम परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था सहज रूप में होना आवश्यक है।
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प्रभावी |
prabhavi |
125 |
- जागृति के लिए सत्यापन होने के लिए प्राप्त अवधारणा और बोध।
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प्रभावित |
prabhavit |
125 |
- जागृति के लिए अनुप्राणित प्रवर्तित।
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प्रभुता |
prabhuta |
125 |
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