प्रतिबिम्ब |
pratibimb |
121 |
- प्रत्येक एक-एक रचना विधि में अस्तित्व विधि में हर उपयोगी व पूरक इकाई के रूप में होना बिम्ब है। इकाई अपने सभी ओर प्रतिबिम्बित रहता ही है, परस्परता में पहचान का आधार प्रतिबिम्ब ही है।
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प्रतिबिम्बन |
pratibimban |
121 |
- परस्परता में पहचान का आधार रूप में है।
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प्रतिभा |
pratibha |
122 |
- समझदारी, ईमानदारी का संयुक्त स्वरूप, ज्ञान विवेक विज्ञान संपन्नता यही प्रतिभा है।
- निपुणता, कुशलता, पाण्डित्यपूर्ण अभिव्यक्ति संप्रेषणा प्रकाशन।
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प्रतिभाव |
pratibhav |
122 |
- व्यवस्था के अर्थ में संबंधों में मूल्यों का निर्वाह करने के फलस्वरूप जिसके साथ निर्वाह हुआ रहता है उनसे प्रतिभाव रूप में मूल्य निर्वाह होता है। अनुभवमूलक उद्घाटन।
- अनुभव के अनंतर बोध-चिंतन रूप में प्रमाणित करने हेतु प्रवृत्ति।
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प्रतिरूप |
pratirup |
122 |
- बीज और वंश में-बीज विधि से बहुबीज प्रमाण वंश विधि से संतान प्रमाण।
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प्रति संचालन |
prati sanchalan |
122 |
- प्रतिष्ठा सहज संचालन, प्रतिष्ठा सहज व्यवस्था में भागीदारी।
- एक संगठित गति द्वारा, दूसरे संगठित यांत्रिकता का संचालन।
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प्रतिष्ठा |
pratishtha |
122 |
- द़ृष्टा पद परंपरा के रूप में जागृति सहज प्रमाण, सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी यही परम्परा सहज प्रतिष्ठा।
- पद में स्थिति, स्वभाव-गति व गुण में प्रमाणित रहना।
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प्रतिज्ञा |
pratigya |
122 |
- सत्य प्रमाणित करने के लिए, न्याय व धर्म प्रमाणित होने के लिए सत्यापन।
- संकल्प।
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प्रतीक |
prateek |
122 |
- मान्यता के आधार पर स्वीकार सम्मान चिन्ह प्रमाण विहीनता का रिक्तता।
- जो प्राप्ति नहीं है किन्तु प्राप्ति जैसा लगना, प्राप्ति नहीं हो पाना।
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प्रतीति |
prateeti |
122 |
- तर्क संगत विधि से सहअस्तित्व रूप वस्तु अध्ययन विधि से बोध होना। अर्थ अस्तित्व में वस्तु के रूप में समझ में आना ही प्रतीति है। फलत: बोध व अनुभव पूर्वक प्रमाण चिंतन साक्षात्कार प्रणाली से अभिव्यक्ति होना सहज है।
- चिंतन, साक्षात्कार, समझ की अभिव्यक्ति, संप्रेषणा।
- अध्ययन विधि में चित्त में साक्षात्कार, बुद्धि में स्वीकृति, अध्ययन बोध।
- अस्तित्व स्पष्ट तथा प्रयोजन सहित स्वीकृति।
- जागृति क्रम में सत्य बोध सत्य प्रतीति होना पाया जाता है, जिसको साक्षात्कार के रूप में पहचाना जाता है, सत्य स्वरूप सहअस्तित्व ही है।
- परिपुष्ट अनुमान।
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प्रतीक्षा |
prateeksha |
123 |
- फल की अपेक्षा काल गति विधि से।
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प्रतीक्षित |
prateekshit |
123 |
- मानव परम्परा में समझदारी, ईमानदारी, भागीदारी, जिम्मेदारी।
- मानव परंपरा में सर्वशुभ सहज नित्य वर्तमान और कायिक-वाचिक मानसिक रूप में किया गया कार्य व्यवहार फल परिणाम।
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प्रत्यक्ष |
pratyaksh |
123 |
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प्रत्यक्षीकरण |
pratyakshikaran |
123 |
- समझा देना और जिन्हें समझाया उनका प्रमाणित होना।
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प्रत्याकर्षण |
pratyakarshan |
123 |
- निश्चित अच्छी दूरी में परस्परता का होना।
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प्रत्यावर्तन |
pratyavartan |
123 |
- परावर्तन का मूल्यांकन, व्यवस्था में से प्रयोजन, सत्य, समाधान, न्याय सहज मूल्यांकन स्वीकृति क्रिया।
- जागृति सहज गतिशीलता।
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प्रत्याशा |
pratyasha |
123 |
- प्रमाणित होने के रूप में आशा।
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प्रत्याशित |
pratyashit |
123 |
- परस्परता में पूरकता उपयोगिता सहित ज्ञान विवेक विज्ञान अर्जन के लिए समायी हुई अपेक्षायें।
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प्रदत्त |
pradatt |
123 |
- प्रमाणित होने के लिए दिया गया ज्ञान विवेक विज्ञान।
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प्रदत्त अधिकार |
pradatt adhikar |
123 |
- किसी का दिया हुआ अधिकार भ्रमात्मक मानव समुदाय में। जागृत परम्परा में केवल स्वयंस्फूर्त अधिकार।
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