निदान |
nidan |
97 |
- परीक्षण निरीक्षण पूर्वक किया गया निश्चयन।
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निदिध्यासन |
nididhyasan |
97 |
- अनुभव में होना, केन्द्रीकृत ध्यान, सहअस्तित्व में अनुभव सहज प्रमाण।
- अध्ययन विधि में निश्चित अवधारणा की स्थापन प्रक्रिया ही निदिध्यासन है।
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निद्रा |
nidra |
97 |
- शरीर का संचालक (चैतन्य क्रिया) संचालन क्रिया को रोकता है या कम करता है तब शरीर निद्रा में रत होता है।
- निद्रा जड़ का स्वभाविक गुण है।
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निपुणता |
nipunata |
97 |
- प्राकृतिक ऐश्वर्य पर आवश्यकतानुसार उपयोगिता मूल्य को स्थापित करने योग्य योग्यता।
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निबद्ध |
nibaddh |
97 |
- नियम से अनुबंधित, नियमपूर्वक गतित रहने की प्रतिज्ञा।
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निबंध |
nibandh |
97 |
- समाधान के अर्थ में निश्चित मानसिकता अथवा निश्चित प्रकृति को भाषा के रूप में व्यक्त करना।
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नियति |
niyati |
97 |
- विकास और जागृति के लिए गुणात्मक परिवर्तन क्रम।
- सहअस्तित्व सहज प्रक्रिया, प्रणाली और प्रमाण।
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नियतिक्रम |
niyatikram |
97 |
- सह अस्तित्व में विकासक्रम, विकास, जागृतिक्रम, जागृति, जागृति सहज निरंतरता।
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नियतिक्रम सिद्धियाँ |
niyatikrama siddhiyan |
98 |
- प्राण पद, भ्रान्ति पद, देव पद एवं दिव्य पद ही मोक्ष।
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नियतिशुभ |
niyatishubh |
98 |
- सार्वभौम व्यवस्था अखण्ड समाज सूत्र व्याख्या सम्पन्न मानसिकता और कार्य व्यवहार।
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नियति सहज |
niyati sahaj |
98 |
- सहअस्तित्व सहज प्रकटन वर्तमान।
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नियति विहित |
niyati vihit |
98 |
- नियति के अनुसार सहअस्तित्व में विकास क्रम, विकास, जागृति क्रम, जागृति और जागृति सहज निरंतरता के अर्थ में।
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नियति शुभ संभावना |
niyati shubh sambhavana |
98 |
- निरंतर समाधान, समृद्धि, अभयतापूर्वक सहअस्तित्व में प्रमाणित करने के लिए अवसर सदा-सदा रहना।
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नियम |
niyam |
98 |
- आचरण रूप में सुखी होने की विधि = समाधान।
- क्रिया का नियंत्रण पृष्ठभूमि।
- इकाईयों की नियंत्रण क्रिया।
- आचरण ही नियम।
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नियम आचरण |
niyam aacharan |
98 |
- मानवत्व सहित व्यवस्था में जीना।
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नियम बोध |
niyam bodh |
98 |
- अध्ययन पूर्वक जागृति सहज आचरण बोध।
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नियमबद्ध |
niyamabaddh |
98 |
- नियम अर्थात् निश्चित आचरण पूर्वक ही विकास, नियति विरोधी आचरण पूर्वक ही ह्रास।
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नियम त्रय |
niyam tray |
98 |
- बौद्धिक, सामाजिक, प्राकृतिक।
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नियोजन |
niyojan |
98 |
- तन, मन, धन रूपी अर्थ का अखण्ड समाज सार्वभौम व्यवस्था सुलभता में, से, के लिए किया गया अर्थ व समर्पण।
- नियमपूर्वक योजना श्रम संधान।
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नियंत्रण |
niyantran |
98 |
- स्वभाव-गति प्रतिष्ठा में निरंतरता सहज संभावना त्व सहित व्यवस्था समग्र व्यवस्था में भागीदारी।
- मनुष्य की परस्परता में न्यायपूर्ण व्यवहार।
- आचरण की निरंतरता।
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