व्यवहार दर्शन* (Raw)
by A Nagraj
श्र अन्यायवादी विधि (कानून), विधान व नीति से हिंसा, प्रतिहिंसा, सशंकता तथा आतंक का प्रसव होता है ।
श्र हर मानव में न्याय की याचना जन्मजात स्वभाव के रूप में पायी जाती है, जिसका स्पष्टीकरण योग्य अध्ययन अति आवश्यक है ।
श्र भ्रमवश माने हुए न्याय से अन्याय का और अन्याय से अन्याय दमन करने के लक्ष्य भेद के आशय से समस्त विधि, विधान एवं नीतियों का अनुमोदन मानव करता है । इसी आधार पर एक अथवा अनेक राष्ट्रों का जीवन असफल है ।
श्र पूर्ण दर्शन लोक-व्याप्त है । अपूर्ण दर्शन मानव सम्पर्क की सीमा तक है ।
श्र रहस्यों का उन्मूलन करने वाले दर्शन को ‘पूर्ण’ दर्शन संज्ञा है ।
श्र रहस्यों का निवारण सहअस्तित्व मेें जागृति रूपी अध्यात्म ज्ञान, बौद्धिक ज्ञान तथा भौतिक विज्ञान के एकसूत्रात्मक अध्ययन से ही संभव है ।
श्र लोक के प्रति अनासक्त मानवों ने ही ज्ञानानुभव किया है । ऐसे अनुभूत व्यक्तियों में व्यवहारिक संतुलन एवं वैचारिक समाधान सहज ही रहता है ।
श्र इच्छा की अपेक्षा में संवेदन क्रिया अल्प है । इच्छा शक्ति अधिक से अधिक क्रिया में व्यस्त है । अनुपात से अधिक शक्ति नियोजन अपव्यय है । यह अपव्यय ही आसक्ति है । इसका निरोध तथा नियंत्रण ही अनासक्ति है ।
श्र प्रधानत: कारणानुक्रम से अध्यात्म ज्ञान का, गुणानुक्रम न्याय से बौद्धिक ज्ञान का और गणितानुक्रम नियम से भौतिक विज्ञान का अनुसंधान, आविष्कार और उपलब्धियाँ सार्थक होती हैं ।
श्र परस्पर अनुशासित (नियंत्रित) या अनुवर्तित लोक-व्यूह की ब्रम्हांड संज्ञा है, जिसमें अनेक सौर-व्यूह हैं ।
श्र गणितानुक्रम नियम से क्रिया, प्रतिक्रिया एवं परिपाक (फल) का; गुणानुक्रम न्याय से ह्रास एवं जागृति का; कारणानुक्रम विधि से सापेक्ष एवं निरपेक्ष ऊर्जा (शक्ति) में संपूर्ण प्रकृति का अध्ययन आभास एवं अनुभव पूर्ण हुआ है ।
श्र निरपेक्षता के बिना व्यापकता सिद्ध नहीं है, क्योंकि सापेक्ष मात्र ससीम ही है ।
श्र व्यापक ही ज्ञान, ज्ञान में अनुभव ही समझ है; समझ ही ज्ञान, विज्ञान, विवेक के रूप में प्रमाण है; ज्ञान ही नियम; नियम ही नियंत्रण; नियंत्रण ही संतुलन; संतुलन पूर्वक जीना ही मानव में न्याय; सार्वभौम व्यवस्था में न्याय पूर्वक जीना ही धर्म अर्थात् समाधान; सहअस्तित्व में अनुभव ही धर्म और सत्य है । निरपेक्ष सत्ता में नियम पूर्ण ज्ञान की अभिव्यक्ति नित्य वर्तमान है ।
श्र नियंत्रण महिमा व्यापक और नियंत्रित अनेक हैं ।