अर्थशास्त्र

by A Nagraj

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  • परिवार संबंधी समस्त जानकारी, जिसके आधार पर परिवार के सदस्यों को शिक्षा संस्कार, उत्पादन कार्य आदि में लगाना है, के लिए सभी तथ्यों को एकत्रित कर, ग्राम सभा को उपलब्ध कराने का कर्तव्य, परिवार प्रतिनिधि का होगा। परिवार में यदि कोई व्यक्ति, किसी विशेष योग्यता, हस्तकला, हस्त शिल्प, कृषि व अन्य तकनीकी या साहित्य कला में माहिर है तो यह जानकारी भी, ग्राम की संबंधित समिति को उपलब्ध कराएगा।
  • परस्पर परिवारों के विवादों व उत्पन्न कठिनाइयों के निवारण का दायित्व उन परिवार के प्रतिनिधि व परिवार समूह सभा का होगा। परिवार समूह सभा द्वारा विवाद हल न होने की स्थिति में ही विवाद “न्याय सुरक्षा समिति” के पास जायेगा।

शिक्षा-संस्कार व्यवस्था

ग्राम में शिक्षा-संस्कार व्यवस्था का संचालन “शिक्षा-संस्कार समिति” करेगी। शिक्षा-संस्कार समिति में कम से कम एक व्यक्ति होगा या अधिक से अधिक तीन व्यक्ति होंगे।

“शिक्षा-संस्कार समिति” के सदस्यों की अर्हता :-

शिक्षा-संस्कार समिति के सदस्यों की अर्हताएं निम्न प्रकार होंगी :-

  • प्रत्येक सदस्य जीवन विद्या एवं वस्तु विद्या में पारंगत रहेगा।
  • वह व्यवहार में सामाजिक व व्यवसाय में स्वावलम्बी होगा।
  • उसमें स्वयं में विश्वास व श्रेष्ठता के प्रति सम्मान करने का प्रमाण रहेगा।
  • प्रतिभा और व्यक्तित्व में संतुलित होने का प्रमाण रहेगा।

शिक्षा-संस्कार व्यवस्था के मूल उद्देश्य :-

प्रत्येक मानव को -

  • व्यवहार में सामाजिक।
  • व्यवसाय में स्वावलम्बी।

स्वयं के प्रति विश्वासी।