मानवीय संविधान

by A Nagraj

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तात्विक = नियति क्रम अर्थात् नियम, नियंत्रण, संतुलन में जागृति पूर्वक आचरण न्याय सुरक्षा है।

नियति क्रम – नियम नियंत्रण संतुलन

में जागृति में जागृति में जागृति

प्राकृतिक, प्राकृतिक, संतुलन वन, खनिज, ऋतु संतुलन,

बौद्धिक, सामाजिक रोगोपचार, भ्रम धरती में पदार्थ, प्राण, जीव,

रुप में सदा समाया का उन्मूलन ज्ञान अवस्थाओं में

समाधान व समाधान संतुलन समाधान

बौद्धिक = जागृति सहज प्रमाण परंपरा ही न्याय सुरक्षा है।

व्यवहारिक = ज्ञान, विवेक, विज्ञान सम्पन्नता पूर्वक किया गया कार्य-व्यवहार, परिवार व्यवस्था व समग्र व्यवस्था में भागीदारी सहज रूप में न्याय सुरक्षा है।

स्वास्थ्य संयम का अधिकार

स्वास्थ्य-संयम

तात्विक = स्वस्थ शरीर अर्थात् मानव परंपरा में मन:स्वस्थता, समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी समेत जीवन ही ज्ञान, विवेक, विज्ञान पूर्वक अभिव्यक्ति, सम्प्रेषणा को मानव परंपरा में प्रमाणित करने योग्य शरीर एवं क्रियाकलाप।

बौद्धिक = स्वास्थ्य-संयम अर्थात् संज्ञानीयता पूर्वक संवेदनायें नियंत्रित रहती है।

व्यवहारिक = स्वास्थ्य-संयम अर्थात् अखण्ड समाज, सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी करने योग्य शरीर एवं क्रियाकलाप।

मानवीय शिक्षा-संस्कार का अधिकार