मानवीय संविधान
by A Nagraj
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आस्वादनायें प्रमाणों के प्रकाश में प्रकाशित होने के फलस्वरूप तृप्त, सन्तुष्ट समाधान के रूप में परावर्तन सहज है यही जागृत जीवन का फलन है।
जागृत मानव परंपरा में -
मानव लक्ष्य जीवन मूल्य सुख + शांति + संतोष + आनंद
समाधन (हर नर नारी में)
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समृद्धि (हर समझदार परिवार में)
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अभय (अखण्ड समाज में)
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सहअस्तित्व (सार्वभौम व्यवस्था में)
अनुभव प्रमाण, सार्वभौम व्यवस्था में भागीदारी है।