मानवीय संविधान

by A Nagraj

Back to Books
Page 148
  • स्वास्थ्य संयम सुरक्षा
  • नैसर्गिक सुरक्षा
  • संगीत, साहित्य, कला संस्कृति-सभ्यता की सुरक्षा

“न्याय सुरक्षा समिति” ग्राम की सभी प्रकार की सुरक्षाओं के प्रति जागरूक रहेगी।

ग्राम सुरक्षा :-

ग्राम सीमा में निहित भूमि का क्षेत्रफल और उस भू-भाग में निहित वन, खनिज, कृषि योग्य भूमि, बंजर भूमि, जल, जल-स्रोत, जल संरक्षण, भूमि संरक्षण, सामान्य सुविधा कार्य को सदुपयोग के आधार पर सुरक्षित करना ग्राम सुरक्षा का तात्पर्य है।

ग्राम से संबंधित वन क्षेत्र और उपयोगी भूमि और स्वामित्व की भूमि ग्राम सभा के अधिकार व कार्य क्षेत्र में रहेगी। यदि कोई वन क्षेत्र व भू-खण्ड किसी गाँव से सम्बद्ध न हो ऐसी स्थिति में उसको किसी न किसी गाँव से सम्बद्ध करने की व्यवस्था रहेगी। ऐसे ग्राम क्षेत्र की सुरक्षा का दायित्व भी “न्याय सुरक्षा समिति” का होगा।

उत्पादन और विनिमय सुरक्षा :-

  • उत्पादन सुरक्षा :- गाँव में जितने भी प्रकार के उत्पादन संबंधी मौलिकताएँ प्रमाणित होंगी उन सबके सुरक्षा का दायित्व न्याय सुरक्षा समिति, विनिमय कोष समिति का होगा। जैसे किसी उत्पादन कार्य में विशेष प्रकार की मौलिकता अथवा मौलिक प्रणाली अथवा मौलिक औजार, मौलिक विधि जो परंपरा में नहीं रही है, ऐसी स्थिति में उन सबको सुरक्षित किया जाएगा। इन सबसे सम्बन्धित मूल वाङ्गमय, डिजाइन, चित्रण, नक्शा, प्रक्रिया, प्रणाली और विधियों को लिपिबद्ध, सूत्र बद्ध कर सुरक्षित करेगा। आवश्यकता पड़ने पर लोकव्यापीकरण कराएगा व पुरस्कार की व्यवस्था करेगा।
  • औषधियों का अनुसंधान, वनस्पतियों का पहचान, ज्योतिष संबंधी अनुसंधान, हस्तरेखा व सामुद्रकि शास्त्र संबंधी साहित्य का अनुसंधान जो परंपरा में नहीं रहा है, उसको उपयोगिता के अनुसार उसकी सुरक्षा का दायित्व “सुरक्षा समिति” का होगा।

साहित्य, कला, संगीत, शिल्प में परंपरा की श्रेष्ठता का अनुसंधान, जो परंपरा में नहीं थी, ऐसी प्रस्तुति होने की स्थिति में उसका यथावत् संरक्षण करेगा।