मानवीय संविधान

by A Nagraj

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  • जीवन, भौतिक-रासायनिक और जीवन क्रियाकलापों का जानना, मानना, पहचानना, निर्वाह करना वर्तमान में वैभव है। यह समझ समाधान है।
  • जागृत मानव परंपरा में जानने, मानने, पहचानने, निर्वाह करने में प्रमाण होता है। यह समझ में आना समाधान है।
  • हर नर-नारी में जागृति सहज अस्तित्व में अनुभव सहज वैभव है, यह मानव परंपरा में समझ होना समाधान है।
  • मानवीयता पूर्ण आचरण समाधान है।
  • मानवीयता पूर्ण व्यवस्था समाधान है।
  • जागृत मानव संस्कृति समाधान है।
  • जागृत मानव सभ्यता समाधान है।
  • जागृत मानव परंपरा में संविधान सर्वतोमुखी समाधान है।
  • जागृत मानव परंपरा में मानवीय शिक्षा संस्कार सर्वतोमुखी समाधान है।
  • समाधान
  • परमाणु अंश भी एक दूसरे को पहचानते हैं। इसका प्रमाण परमाणु के रूप में कार्यरत रहना ही है। यह समझ होना समाधान है।
  • एक परमाणु दूसरे को पहचानते हैं इसका प्रमाण अणुओं के रूप में कार्यरत रहना वर्तमान है। यह समझ होना समाधान है।
  • हर परमाणु या अणु दूसरे को पहचानता है, इसका प्रमाण अणु रचित रचना है, यह समझ में आना समाधान है।
  • हर ग्रह गोल अणु रचित रचना है। यह समझ में आना समाधान है।
  • हर ग्रह गोल एक दूसरे को पहचानते हैं। इसका प्रमाण एक दूसरे से निश्चित अच्छी दूरी शून्याकर्षण में व्यवस्था के रूप में होना है। यह समझ में आना समाधान है।

हर ग्रह समूह जो कुछ ग्रह गोल के साथ निश्चित कार्य करते हैं जैसे यह धरती किस प्रकार से कार्य करती है। यह समझ में आना समाधान है।