चरपरा |
charpara |
70 |
- जीभ और मिर्च के संयोग से होने वाले रासायनिक द्रव्य का परिवर्तन।
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चरम परिणिति |
charam pariniti |
70 |
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चरमोपलब्धि |
charmopalabdhi |
71 |
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चरमोत्कर्ष |
charmotkarsh |
71 |
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चरित्र |
charitra |
71 |
- मानव चरित्र अपने में स्वधन, स्वपुरुष/स्वनारी, दयापूर्ण कार्य व्यवहार।
- प्रतिभा व व्यक्तित्व के संतुलन पूर्वक चरितार्थता (आचरण)।
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चरित्र प्रधान |
charitra pradhan |
71 |
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चरितार्थ |
charitarth |
71 |
- चरित्र जागृति पूर्वक सार्थक होना, आचरण पूर्वक सार्थक होना, त्व सहित सार्थक होना, अर्थ सहित आचरण।
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चलित |
chalit |
71 |
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चाहत |
chahat |
71 |
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चालन |
chalan |
71 |
- किसी वस्तु को स्थानांतरित परिवर्तित करने की क्रिया।
- दूसरे के स्वभाव से अधिक या भिन्न गति प्रदायी क्रिया।
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चित्त |
chitta |
71 |
- चिन्तन और चित्रण क्रिया (जीवन का प्रयोजन व निश्चयन)।
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चित्त शुद्धि |
chitta shuddhi |
71 |
- ब्रह्मानुभूति योग्य अधिकार पाना ही चित्त शुद्धि है।
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चित्त क्षोभ |
chitta kshobh |
71 |
- साक्षात्कार विधि में रिक्तता, अध्ययन (प्रतीति) न हो पाना, जागृति सहज अध्ययन की कमी और यथार्थता वास्तविकता की अपेक्षा।
- बुद्धि अनुयायी चित्त न होने से चित्त क्षोभ होता है।
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चित्त गुणग्राही |
chitta gunagrahi |
71 |
- साक्षात्कार में गुणों का स्वभाव के अनुसार पहचान, आवश्यकता उपयोगिता रूप में चित्रण।
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चित्रण |
chitran |
71 |
- उपयोगिता, सदुपयोगिता, प्रयोजनशीलता को चिन्हित रूप देना।
- रूप, गुण, गणना, काल, विस्तार, श्रम, गति, परिणाम।
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चित्रणवादी |
chitranvadi |
71 |
- सुनिश्चित करने की प्रवृत्ति और स्पष्टीकरण।
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चित्रकला |
chitrakala |
71 |
- वास्तविकताओं को; यथार्थताओं को और सत्यता को चित्र के रूप में प्रस्तुत करना कारण गुण गणितात्मक विधि से।
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चिदाकाश |
chidakash |
71 |
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चिदानंद |
chidanand |
72 |
- सत्य में अनुभव सहज प्रमाण का चित्त पर प्रभाव।
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चिंतन |
chintan |
72 |
- इच्छा शक्ति में, से, के लिए परिमार्जन, प्रकटन क्रिया।
- साक्षात्कार पूर्वक प्रयोजन के अर्थ में प्रक्रियाओं को स्पष्ट करना।
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