समयबद्ध नियोजन |
samaybaddha niyojan |
187 |
- समय और आवश्यकता के साथ तन, मन, धन रूपी अर्थ का नियोजन।
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समर्थ |
samarth |
187 |
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समर्पण |
samarpan |
187 |
- सेवा उपकार।
- पूर्णता के अर्थ में अर्पण-समर्पण सेवा।
- पूर्णता को पाने के लिए प्रस्तुति व सेवा।
- स्व संतुष्टि में, से, के लिए तन, मन, धन रूपी अर्थ नियोजन क्रिया।
- संतृप्ति में, से, के लिए नियोजन क्रिया।
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समस्या |
samasya |
187 |
- व्यवस्था में अवरोध रूकावट।
- वास्तविकता घटना क्रम ज्ञान क्षमता में अपूर्णता। कैसे और क्यों का अनुत्तरित रहना।
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समष्टि |
samashti |
187 |
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समष्टित्व |
samashtitva |
187 |
- सार्वभौम सहज सूत्र व्याख्या रूप में जीना।
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समाज |
samaj |
187 |
- ऐसी मानव परंपरा जो पूर्णता, क्रिया पूर्णता, आचरण पूर्णता और उसकी निरन्तरता को जानना, मानना, पहचानना और निर्वाह करने की क्रिया को प्रमाणित करती है।
- मानवीय संस्कृति, सभ्यता, विधि, व्यवस्था शिक्षा-संस्कार सहित समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व में अभिव्यक्ति , सम्प्रेषणा , प्रकाशन परंपरा।
- पूर्णता को पाने के लक्ष्य में निश्चित कार्यक्रम नीति-प्रक्रिया का अनुसरण करने वाली मानव जाति।
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समाज चेतना |
samaj chetna |
188 |
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समाजदत्त अधिकार |
samajdatt adhikar |
188 |
- समाज की सहमति से प्राप्त अधिकार, परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था में भागीदारी।
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समाज मूल्य |
samaj mulya |
188 |
- स्थापित मूल्य और शिष्ट मूल्य।
- स्थापित मूल्य- कृतज्ञता, गौरव, श्रद्धा, प्रेम, विश्वास, वात्सल्य, ममता, सम्मान, स्नेह।
- शिष्ट मूल्य-सौम्यता, सरलता, पूज्यता, अनन्यता, सौजन्यता, सहजता, उदारता, अरहस्यता, निष्ठा।
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समाज लक्ष्य |
samaj lakshya |
188 |
- समाधान, समृद्धि, अभयता और सहअस्तित्व सहज वर्तमान।
- मावन संस्कृति, सभ्यता, विधि, व्यवस्था में सामरस्यता का वर्तमान।
- मानवीय शिक्षा-संस्कार परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था और संविधान में सामरस्यता का वर्तमान ।
- स्वराज्य और स्वतंत्रता का वर्तमान।
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समाधान |
samadhan |
188 |
- जानना, मानना, पहचानना व निर्वाह करने की क्रिया।
- क्यों और कैसा का उत्तर पाना।
- सम्पूर्णता व पूर्णता के अर्थ में प्रमाणपूत अवधारणा।
- समस्याओं का निराकरण,विवेक सम्मत विज्ञान, विज्ञान सम्मत विवेक पूर्ण प्रणाली से सम्पन्न करने की क्रिया = मानव धर्म = सुख, शांति, संतोष, आनंद।
- सहअस्तित्व सहज व्यवस्था गति में निरंतरता, त्व सहित व्यवस्था समग्र व्यवस्था में भागीदारी; ज्ञान, विवेक, विज्ञान सहज प्रमाण।
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समाधानकारक |
samadhankarak |
188 |
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समाधान पूर्वक विचार |
samadhan purvak vichar |
189 |
- व्यापकता में अनुभव मूलक विचार आभास।
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समाधानात्मक भौतिकवाद |
samadhanatmak bhautikvad |
189 |
- अस्तित्व में सम, विषम, मध्यस्थ क्रिया, बल, शक्ति, रचना व विरचना का विकास क्रम में उपयोगिता, पूरकता, उदात्तीकरण के रुप में समाधान सूत्र और व्याख्या।
- श्रम नियोजन, श्रम-विनिमय प्रणाली रूपी उत्पादन- विनिमय संबंधी समाधान सूत्र व व्याख्या।
- मानवीयता पूर्ण आचरण व्यवहार सीमा में (प्रत्येक वस्तु) आवश्यकताएँ संयत होने के आधार पर अथवा सत्य होने के आधार पर उपलब्धियों की संभावना, विपुल होने के रुप में आवश्यकता का समाधान प्रत्येक मानव जीवन में अक्षय शक्ति, अक्षय बल जीवन सहज अभिव्यक्ति होने के आधार पर आवश्यकता से अधिक उत्पादन कम उपभोग के रुप में भौतिक समृद्धि का समाधान सूत्र और व्याख्या।
- प्राकृतिक ऐश्वर्य का मूल्य अमूल्य होने के आधार पर वनस्पति, वन-खनिज (धरती) हवा, पानी पर एकाधिकार के भ्रम को दूर करने के रुप में, सह-अस्तित्व में समाधान सूत्र और व्याख्या।
- मानव में श्रम मूल्य की मूल पूंजी के आधार पर, श्रम मूल्य का मूल्यांकन सहित, वस्तु-मूल्य का निर्धारण समेत, लाभ-हानि मुक्त विनिमय प्रणाली, पद्धति, नीति में समाधान सूत्र और व्याख्या।
- सम्पूर्ण रचना, विरचनाओं में पूरकता-उदात्तीकरण के आधार पर आवर्तनशीलता का समाधान सूत्र और व्याख्या।
- वस्तु की ‘संयत आवश्यकता नियम’ के आधार पर वस्तु के विपुल होने में समाधान।
- तन, मन रुपी धन का सदुपयोगिता के आधार पर ही सुरक्षा होने की यथार्थता पर अभय रूपी समाधान सूत्र और व्याख्या।
- अस्तित्व ही सहअस्तित्व के रुप में समाधान। विकास क्रम में प्रत्येक इकाई अपने त्व सहित व्यवस्था के रुप में समाधान। विकास, जीवन के रुप में। समाधान विकसित चेतना के रूप में विकास, जीवन में संक्रमण पूर्वक समाधान। जीवन में गुणात्मक विकास-सतर्कता, सजगता के रुप में समाधान। रासायनिक-भौतिक रचना व विरचनाएँ पूरकता, उदात्तीकरण के रुप में समाधान सूत्र और व्याख्या।
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समाधि |
samadhi |
190 |
- सर्वतोमुखी समाधान संपन्नता अनुभव सहित समत्व सर्वशुभ प्रमाण।
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समान |
saman |
190 |
- जीने के अधिकार में समान, समझदारी संपन्न होने में समान, व्यवस्था में जीने में समान नर-नारी में।
- हर नर-नारी ज्ञान विवेक विज्ञान रूप में, न्याय समाधान रूप में, अखण्ड समाज सार्वभौम व्यवस्था रूप में सहज प्रमाण।
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समानता |
samanata |
190 |
- मानव में सुख धर्म सहज समानता, मन:स्वस्थता सहज समानता, कल्पनाशीलता कर्म स्वतंत्रता सहज समानता।
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समान वायु |
saman vayu |
190 |
- शरीर के लिए विकासात्मक वायु।
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समानाधिकार |
samanadhikar |
190 |
- हर नर-नारियों में, से, के लिये समानाधिकार, त्व सहित व्यवस्था में जीने का समानाधिकार।
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