मानवीय संविधान
by A Nagraj
परिवार वैभव का क्रम :-
- परिवार वैभव समाधान समृद्धि
- परिवार समूह वैभव समाधान समृद्धि
- ग्राम परिवार वैभव समाधान समृद्धि
- ग्राम समूह परिवार वैभव समाधान समृद्धि
- क्षेत्र परिवार वैभव समाधान समृद्धि
- मंडल परिवार वैभव समाधान समृद्धि अभय
- मंडल समूह परिवार वैभव समाधान समृद्धि अभय
- मुख्य राज्य परिवार वैभव समाधान समृद्धि अभय
- प्रधान राज्य परिवार वैभव समाधान समृद्धि अभय सहअस्तित्व सहज वैभव
- विश्व राज्य परिवार वैभव समाधान समृद्धि अभय सहअस्तित्व पूर्ण परंपरा सहज वैभव
परिवार सभा का स्वरूप :-
दस समझदार मानव जिसमें हर नर-नारी सहअस्तित्व सहज समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी, भागीदारी में समानता, जिसका अभिव्यक्ति, सम्प्रेषणा, प्रकाशन करने में समान अधिकार सम्पन्न परिवार है।
शिक्षा संस्कार कार्य व्यवस्था, न्याय सुरक्षा कार्य व्यवस्था, परस्परता में उत्पादन कार्य व्यवस्था, आवश्यकता से अधिक उत्पादन कार्य व्यवस्था, विनिमय कार्य व्यवस्था (श्रममूल्य के आधार पर लेन-देन रूप में विनिमय कार्य व्यवस्था), स्वास्थ्य संयम कार्य व्यवस्था सहज समान कर्त्तव्य दायित्व अधिकार रहेगा।
अस्तित्व में इकाइयों के होने का प्रमाण सर्वतोमुखी प्रतिबिम्ब है। परस्पर पहचान ही प्रक्रिया प्रमाण है।
परस्परता में पहचान कार्य-व्यवहार का आधार है एवं प्रेरणा सहित कर्त्तव्य व दायित्व सूत्र व्याख्या है। पूरकता उपयोगिता सहज प्रमाण है।