MD Books-JVIDYA
search
Books
Events
Dictionary
Import Book
Edit Word
Hindi
*
Hinglish
*
Pageno
Paribhashas
Description
Delete?
गठनपूर्ण परमाणु, चैतन्य इकाई = मन, वृत्ति, चित्त, बुद्धि, आत्मा रूपी अक्षय बल + आशा, विचार, इच्छा, संकल्प और अनुभव रूपी अक्षय शक्तियों का अविभाज्य वर्तमान क्रिया।
संचेतना, जानना, मानना, पहचानना, निर्वाह करने का क्रियाकलाप।
जीने की आशा सहित अस्तित्व की निरंतरता, चैतन्यपद।
Save
Cancel