जीवन (jeevan)
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- Paribhashas:
- गठनपूर्ण परमाणु, चैतन्य इकाई = मन, वृत्ति, चित्त, बुद्धि, आत्मा रूपी अक्षय बल + आशा, विचार, इच्छा, संकल्प और अनुभव रूपी अक्षय शक्तियों का अविभाज्य वर्तमान क्रिया।
- संचेतना, जानना, मानना, पहचानना, निर्वाह करने का क्रियाकलाप।
- जीने की आशा सहित अस्तित्व की निरंतरता, चैतन्यपद।