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गोल (gol)
Page No:
69
Paribhashas:
धरती की रचना जैसी है, वैसा ही सभी धरती की रचना स्वाभाविक है क्योंकि धरतियाँ अपने में घूर्णन गति परिवेशीय गति में निरंतर क्रियाशील है, शून्याकर्षण की यही महिमा है।
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