गुरुत्व (gurutva)
- Page No: 69
- Paribhashas:
- भौतिक-रासायनिक वस्तुओं में बड़ी-छोटी रचना, ज्यादा जगह (स्थान) में फैला हुआ; स्थान मूलत: व्यापक वस्तु। मानव में गुणात्मक विकास जागृति, जीवन में श्रेष्ठता, श्रेष्ठता के अनंतर और श्रेष्ठता-द़ृष्टा पद जागृति के रूप में मानव परंपरा में है।
- लघुत्व को आत्मसात करने की क्षमता।