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अतिसंतृप्ति (atisantripti)
Page No:
4
Paribhashas:
मानव परंपरा में सदा-सदा के लिए तृप्ति-सर्वतोमुखी समाधान, जागृति, द़ृष्टा पद प्रतिष्ठा।
ज्ञानानुभूति, सहअस्तित्व में अनुभूति सहज ज्ञान और उसकी निरंतरता में स्थिति व गति।
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