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आप्यायन (aapyayan)
Page No:
37
Paribhashas:
स्वागत आस्वादन पूर्वक ग्रहण क्रियायें आप्यायन हैं। आप्यायन क्रियायें मूल्यों को स्वयं में समा लेने के रूप में स्पष्ट है।
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