आचरण (aacharan)
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- Paribhashas:
- मौलिकता की अभिव्यक्ति, ‘त्व’ सहित व्यवस्था सहज प्रकाशन।
- मानवीयता पूर्ण कार्य विन्यास-मूल्य चरित्र नैतिकता सहज प्रकटन।
- दया पूर्ण पद्धति से किया गया स्व-धन, स्वनारी, स्वपुरुष सम्बन्ध परंपरा।
- दायित्व व कर्तव्य का निर्वाह।
- त्व सहित व्यवस्था समग्र व्यवस्था में भागीदारी।