अविभाज्य (avibhajya)
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- Paribhashas:
- अलग-अलग न होना, साथ में होना-व्यापक वस्तु में जड़-चैतन्य प्रकृति संपृक्त है। चैतन्य इकाई में से कोई अंश अलग-विस्थापित-प्रस्थापित नहीं है। गठनपूर्णता सहज निरंतरता है। जीवन अमर है, व्यापक सत्ता है।