ज्ञान (gyan)
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- Paribhashas:
- अनुभव में आनन्द, व्यवसाय में नियम, अपरिणामता के कारण पूर्ण, सर्वत्र एक सा अनुभव में आने के कारण ईश्वर, ज्ञान में समस्त क्रियायें संरक्षित एवं नियंत्रित होने के कारण लोकेश, सर्वत्र एक सा विद्यमान रहने के कारण व्यापक, चैतन्य होने के कारण चेतना, आत्मा से अति सूक्ष्मतम एवं असीम अरूप होने के कारण परमात्मा, प्रत्येक वस्तु संपृक्त होकर सचेष्ट होने के कारण निरपेक्ष शक्ति, संपूर्ण प्रकृति का आधार होने के कारण मूल सत्ता एवं प्राण।