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श्रवण (shravan)
Page No:
223
Paribhashas:
सुनने वाली क्रिया। सुनना ही पढ़ना है।
परम सत्य रूपी सहअस्तित्व कल्पना में होना, वाचन व श्रवण भाषा के अर्थ रूप में सत्य स्वीकार होना।
भाषा का अर्थ चित्रित होना - पठन के आधार पर।
सत्य भास होना।
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