श्रम (shram)
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- Paribhashas:
- निपुणता कुशलता सहज मानसिकता पूर्वक शरीर के द्वारा उपयोगी कला मूल्य की स्थापना क्रिया के रूप में श्रम।
- इकाई की आशा और उपलब्धि की ऋण धनात्मक स्थिति ।
- बल सम्पन्नता, चुम्बकीय बल सम्पन्नता। परमाणु अंशों में साथ रहने की प्रवृत्ति।
- श्रम (बल) प्रत्येक इकाई में धर्म और स्वभाव के रूप में वर्तमान है।