स्वर्ग (svarg)
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- Paribhashas:
- सार्वभौम व्यवस्था संबंध निर्वाह सहज व्यवस्था सहज परंपरा क्रम में धरती ही स्वर्ग, जागृत मानव ही देव चेतना सहित वर्तमान में विश्वास के अर्थ में धर्म सफल, सर्वमानव सुखी होने रहने।
- विश्वास, सुख, शांति, संतोष की निरंतरता, मनुष्य की परस्परता में स्नेह, निविर्र्षमता, समाधान एवं समृद्धि।