सर्वमंगल (sarvamangal)
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- Paribhashas:
- मनुष्य के चारों आयाम (विचार, व्यवहार, व्यवसाय, अनुभव) तथा पाँचों स्थितियों (व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र, अंतर्राष्ट्र) में एक सूत्रता तथा निर्विषमता।
- सर्वतोमुखी समाधान संपन्नता, व्यवस्था में भागीदारी।