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समुच्चय (samuchchay)
Page No:
191
Paribhashas:
व्यापक सत्ता में संपृक्त संपूर्ण जड़-चैतन्य प्रकृति सहअस्तित्व रुपी अस्तित्व में विकास क्रम, विकास, जागृति क्रम, जागृति, चार अवस्था व पदों के रूप में।
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