मूल्य मूलक, लक्ष्य मूलक, जीने का महत्व, मूल्यों का मूल्यांकन करने सम्बन्धों को पहचानने और निर्वाह करने, मानवीय संस्कार, मानवीय व्यवहार पूर्वक जीने, मानवीय आचरण में जीने, परिवार मूलक राज्य व्यवस्था में जीने, आवश्यकता से अधिक उत्पादन संयम पूर्ण विधि से स्वास्थ्य को बनाए रखने, श्रम नियोजन श्रम विमिनय के आधार पर विनिमय कोष व्यवस्था पूर्वक जीने, न्याय-प्रदायी क्षमता सम्पन्नता पूर्वक जीने, सही रूप में उत्पादन कार्य करते हुए जीने, नियम न्याय समाधान समृद्धि प्रामाणिकता पूर्ण पद्धति, प्रणाली, नीति पूर्वक जीने की कला का वर्तमान और उसकी निरतंरता।