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वृत्ति क्षोभ (vritti kshobh)
Page No:
178
Paribhashas:
अनियमितता के आंकलन वश प्रिय हित लाभ को तत्कालिक राहत मान लेता है जब तक जीवन ज्ञान सहअस्तित्व में ना हो।
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