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वृत्ति तत्वग्राही (vritti tatvagrahi)
Page No:
178
Paribhashas:
तात्विकता का आंकलन विचारों में होना, स्वाभाविक फलन में कार्य व्यवहार चार अवस्था व पदों का तात्विक उपयोगिता व पूरकता के आधार पर अध्ययन होना।
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