वास्तविकता (vastavikata)
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- Paribhashas:
- वस्तु अपने स्वरूप में वर्तमान। वस्तु का तात्पर्य वास्तविकता को व्यक्त करने से है।
- रूप, गुण सामरस्यता प्रकाशन और रूप, गुण, स्वभाव, धर्म का अविभाज्य वर्तमान क्रिया।
- जो जैसा है, वह उसकी वास्तविकता है।
- जो जिस पद में है वह उसकी वास्तविकता है।