अपूर्ण (apurna)
- Page No: 20
- Paribhashas:
- किसी भी धरती पर चारों अवस्था त्व सहित व्यवस्था प्रकट होने के क्रम में अपूर्ण, प्रकट होने के उपरान्त परंपरा सहज वैभव है।
- इस धरती पर मानव अपने मनाकार को साकार करने के क्रम में समर्थ मन: स्वस्थता को प्रमाणित करने के क्रम में वर्तमान सन् 2008 तक अपूर्ण।